फरीदाबाद में डॉक्टरों की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन ओपीडी सेवाएं रहीं बाधित

फरीदाबाद , 8 दिसंबर (हि.स.)। सिविल मेडिकल सेवा संघ (एचसीएमएसए) के डॉक्टरों ने साेमवार से अपनी मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के कारण जिले के सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रही।्र

सुबह से ही मरीज अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर न मिलने से उन्हें कई प्रकार की परेशानी हुई। पर्ची बनवाने के लिए मरीजों को लगभग एक घंटे तक लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ा। ओपीडी में डॉक्टर न होने के कारण मरीजों को अपने नंबर पर डॉक्टर का इंतजार करना पड़ा। वहीं हड़ताली डॉक्टर ओपीडी के बाहर खड़े होकर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रकट कर रहे थे। डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही, इसलिए उन्हें मजबूर होकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा। एसोसिएशन ने सरकार के सामने दो प्रमुख मांगें रखी थीं। पहली मांग थी कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए। इस पर सरकार ने सहमति जताई, लेकिन दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण मांग, अधिक वेतन वृद्धि और एसीपी में सुधार, पर कोई निर्णय नहीं हुआ।

डॉक्टरों का कहना है कि वर्तमान वेतन और ग्रेड पे अन्य कैडर की तुलना में कम है, जबकि उन पर मरीजों का भारी दबाव रहता है। उनकी मांग है कि दस वर्ष पर मिलने वाला ग्रेड पे ७६०० से बढ़ाकर ८००० किया जाए और तीसरी एसीपी में ८७०० की जगह ९५०० ग्रेड पे दिया जाए। उनका कहना है कि वेतन ढांचा सुधारने से डॉक्टर अधिक मनोयोग से काम करेंगे और असंतोष भी कम होगा। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ. सुरेश आर्य ने बताया कि सरकार और अधिकारियों के साथ हुई बैठक में केवल मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सीधी भर्ती पर रोक लगाने पर सहमति बनी, लेकिन एसीपी और वेतन वृद्धि पर कोई समाधान न मिलने के कारण यह हड़ताल करनी पड़ी।

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हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग

   

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