पुलिस कस्टडी से फरार अभियुक्त के मामले में दो बर्खास्त सिपाहियों को 18 साल बाद मिली सजा

बांदा, 3 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में पुलिस अभिरक्षा से आरोपित को फरार होने देने के मामले में दो बर्खास्त सिपाहियों को अदालत ने दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। एसीजेएम रेलवे कोर्ट के न्यायाधीश दिव्यकांत सिंह राठौर ने दोनों पूर्व सिपाहियों को एक वर्ष का कारावास और एक-एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

जीआरपी थानाध्यक्ष शिवबाबू ने बुधवार को बताया कि , वर्ष 2007 में गैंगस्टर कोर्ट झांसी से अभियुक्त वसीम खां को बांदा लाने के दौरान वह दोनों सिपाहियों की अभिरक्षा से हथकड़ी छुड़ाकर फरार हो गया था। हालांकि कुछ समय बाद वसीम ने स्वयं सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई थी।

इस लापरवाही के मामले में कानपुर नगर के सेन पश्चिम पारा स्थित तिरमा गांव के सिपाही सुरेश तिवारी और कानपुर नगर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के शिवनगर नई बस्ती निवासी सिपाही विजय पाल के विरुद्ध जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर दोनों को सेवा से बर्खास्त भी कर दिया गया था।

लगभग 18 वर्ष पुराने इस प्रकरण में बुधवार को अदालत ने निर्णय सुनाते हुए दोनों पूर्व सिपाहियों को दोषी करार दिया और एक साल की कैद तथा जुर्माने की सजा सुनाई।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह

   

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