नगर पालिका प्रशासनिक सेवा-परिषद ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

जयपुर, 5 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान नगर पालिका प्रशासनिक सेवा परिषद के पदाधिकारी ने मंगलवार को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा को ज्ञापन सौंपकर नगर निगम में उपायुक्त के पद पर लगे तकनीकी अधिकारियों को हटाने की मांग की है। नगर निगम हेरिटेज में अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया है। परिषद से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द से जल्द हमारी मांग को पूरा नहीं किया। तो हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। लेकिन किसी भी तरह के गैर कानूनी और अलोकतांत्रिक फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे।

राजस्थान नगर पालिका प्रशासनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष श्रवण कुमार विश्नोई ने कहा कि नगर निगम हेरिटेज में तकनीकी अधिकारियों को प्रशासनिक पद पर लगाने की गलत परिपाटी को नियम विरुद्ध शुरू किया गया है। जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। जबकि नगर निगम में पर्याप्त राजस्थान प्रशासनिक सेवा और राजस्थान म्यूनिसिपल सेवा के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद है। बावजूद उन्हें नजरअंदाज और दरकिनार कर हेरिटेज निगम में तकनीकी अधिकारियों को उपायुक्त के पद पर लगाया गया है। जो नियमों के खिलाफ है। इसको लेकर राजस्थान नगर पालिका प्रशासनिक सेवा परिषद ने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के साथ ही विभाग के आला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है। अगर जल्द से जल्द तकनीकी अधिकारियों को नहीं हटाया गया तो हम कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे और न्याय हासिल कर कर ही दम लेंगे।

इससे पहले भी 2021 में इसी तरह तकनीकी अधिकारियों को प्रशासनिक पद पर लगाया था। तब राजस्थान नगर पालिका प्रशासनिक सेवा परिषद ने कोर्ट में लड़ाई लड़ी थी। तब भी कोर्ट ने प्रशासनिक पदों पर सिर्फ प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने तब इस पर स्थगन आदेश भी दिया था। बावजूद इसके न जाने किसके दबाव में नगर निगम हेरिटेज में नियमों के विरुद्ध प्रशासनिक पदों पर तकनीकी अधिकारियों को लगाया जा रहा है। जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।

गौरतलब है कि नगर निगम हेरिटेज कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा ने निगम के 3 प्रशासनिक पदों पर तकनीकी अधिकारियों को उपायुक्त लगाया है। इनमें हेल्थ उपायुक्त के पद पर सीएचओ डॉक्टर सोनिया अग्रवाल को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह के फायर ऑफिसर देवेंद्र मीणा को उपायुक्त फायर की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। गैराज शाखा के एक्सईएन बलराम मीणा को उपायुक्त गैरेज के पद पर नियुक्ति दी है। जबकि लाइट शाखा के एक्सईएन रुपाराम चौधरी के पास पहले से ही उपायुक्त लाइट के साथ ही एडिशनल चीफ इंजीनियर का भी अतिरिक्त चार्ज है। इसके खिलाफ अब नगर पालिका प्रशासनिक सेवा परिषद के अधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है।

नगर निगम कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा ने कहा कि बीते दिनों काफी अधिकारियों का नगर निगम से ट्रांसफर हो गया था। इसकी वजह से फिलहाल अस्थाई व्यवस्था के तहत की जगह कुछ तकनीकी अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारियों की पूर्ति होते ही जल्द ही इस व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। वहीं नगर निगम हेरिटेज मेयर कुसुम यादव ने कहा कि नगर निगम में पूर्व में भी इस तरह के आर्डर होते आए हैं। लेकिन अगर इसके बावजूद भी किसी तरह की कोई अनियमितता सामने आती है। तो उसमें सुधार किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

   

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