असाध्य रोगों के मरीजों के लिए आयुर्वेदिक अस्पताल बन रहे लाइफलाइन

-गठिया और पेट सम्बन्धी बीमारी से पीड़ित मरीजों का अस्पताल में लगता है मेला

हमीरपुर, 06 दिसम्बर (हि.स.)। हमीरपुर जिले में आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल भले ही किराये के भवनों पर चल रहे हैं, लेकिन इन अस्पतालों में मरीजों की रोजाना भीड़ इलाज कराने उमड़ती है। अब तो एलोपैथिक पद्धति से इलाज कराने वाले तमाम मरीज भी आयुर्वेदिक अस्पतालों में इलाज कराने जाते हैं। मरीजों को भी इलाज से फायदा मिलता है। तमाम मरीजों ने आज आयुर्वेदिक अस्पतालों की सेवाओं को कारगर बताया है।

हमीरपुर जिले में चौबीस आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल संचालित है। इनमें हमीरपुर सदर और राठ कस्बे में सरकारी भवनों में ये अस्पताल चल रहे हैं। सदर अस्पताल में डाँ.अरुणा शर्मा ने बताया कि यहां स्टाफ की कमी जरूर है लेकिन सेवाएं मरीजों को बेहतर दी जा रही है। स्टाफ की कमी के बावजूद कभी कभार सदर अस्पताल के स्टाफ की ड्यूटी भी कामों में लगाई जाती है। बताया कि यहां एक फार्मेसिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मी की तैनाती है। आज सदर अस्पताल में मरीजों की भीड़ भी देखी गई। आनंद अवस्थी, भोला प्रसाद, मनीष कुमार व प्रभात कुमार समेत तमाम मरीजों ने बताया कि पैरों में दर्द की शिकायत पर आयुर्वेदिक व यूनानी पद्धति से इलाज कराने पर बड़ा फायदा मिल रहा है। मरीजों का कहना है कि सदर अस्पताल का इकलौता यह आयुर्वेदिक अस्पताल है जहां साफ सफाई के साथ ही मरीजों के बैठने के अच्छे इंतजाम है।

इधर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी बलभद्र सिंह ने शुक्रवार को बताया कि जिले में डाँक्टरों की बेहद कमी है। चौबीस डाॅक्टरों के पद सृजित हैं, लेकिन बारह डाॅक्टर ही तैनात हैं। एक-एक डाॅक्टर को दो-दो जगह काम करना पड़ रहा है। बताया कि पूरे जिले में संचालित हो रहे अस्पतालों में मात्र तीन फार्मेसिस्ट हैं। बावजूद मरीजों को अस्पतालों से सेवाएं दी जा रही हैं। बताया कि असाध्य बीमारी भी आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराने से ठीक हो जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा

   

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