लोस चुनाव : उप्र तीसरे चरण में मोदी-योगी के मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

लखनऊ, 1 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के मतदान में तीन सीटों पर मोदी और योगी सरकार के मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। हालांकि भाजपा तीसरे चरण की अधिकतर सीटों पर अपनी जीत को आश्वस्त दिखाई देती है। तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा।

उप्र में तीसरे चरण में 10 सीट पर चुनाव है, जिसमें हाथरस (सु0), संभल, आगरा (सु0), फतेहपुर सीकरी, मैनपुरी, फिरोजाबाद, बदायूं, आवंला, बरेली और एटा सीट शामिल है। 2019 के चुनाव में इन 10 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 8 सीटें जीती थीं। जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) सिर्फ दो सीटें ही जीत सकी थी।

आगरा से मोदी सरकार के मंत्री मैदान में

आगरा सुरक्षित सीट से भाजपा ने मोदी सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को दोबारा मैदान में उतारा है। 2019 के चुनाव में एसपी सिंह बघेल ने बसपा के मनोज कुमार सोनी को परास्त किया था। बघेल को 646,875 (56.46%) वोट मिले थे। वहीं बसपा उम्मीदवार को 435,329 (38%)वोट प्राप्त हुए। कांग्रेस प्रत्याशी प्रीता हरित 45149 (3.94%) वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। 2024 के चुनाव में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सुरेश चन्द कर्दम और बसपा ने पूजा अमरोही को मैदान में उतारा है। यहां लड़ाई त्रिकोणीय जरूर है लेकिन भाजपा की जीत के रास्ते में कोई बड़ी रुकावट दिखाई नहीं देती।

इन दो सीटों पर योगी के मंत्री मैदान में

पिछले चुनाव में भाजपा जिन सीटों पर हारी थी, उनमें से मैनपुरी एक थी। 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने योगी सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा है। सपा से डिम्पल यादव और बसपा से शिव प्रसाद यादव मुकाबले में हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद 2022 में उपचुनाव हुआ, जिसमें बहू डिम्पल यादव ने जीत दर्ज की थी। सपा अपने गठन के बाद से लगातार मैनपुरी सीट को जीतती आ रही है। 1996 से लेकर अभी तक सपा मैनपुरी में नहीं हारी है। भाजपा का इस सीट पर अब तक जीत का खाता नहीं खुला।

जयवीर सिंह अभी मैनपुरी सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस सीट पर उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का कमल खिलाया था। अब उनके कंधों पर मुलायम सिंह यादव के गढ़ रहे मैनपुरी में भगवा झंडा लहराने की जिम्मेदारी है। युवावस्था से ही राजनीति में सक्रिय जयवीर ने अपने गांव ककहरा से ग्राम प्रधानी का चुनाव जीतकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। ठाकुर जयवीर सिंह के साथ ही साथ उनके परिवार के सदस्य भी राजनीति में सक्रिय हैं। 2022 के उपचुनाव में डिम्पल की जीत के पीछे मुलायम सिंह के निधन से उपजी सहानुभूति प्रमुख फैक्टर थी। हालांकि इस बार माहौल बदला हुआ है। ठाकुर जयवीर सिंह विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा सीट पर कमल खिलाने के लिए पूरे मनोयोग से जुटे हैं।

हाथरस सुरक्षित सीट से योगी सरकार के राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान बाल्मीकि मैदान में हैं। वह अलीगढ़ के खैर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। भाजपा ने इस बार उन्हें हाथरस सीट अपने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर दिया है। हाथरस में अनूप बाल्मीकि का मुकाबला सपा के जसवीर वाल्मीकि और बसपा के हेमबाबू धनगर से है। ग्राम प्रधान से विधायक और फिर राज्य मंत्री तक का सफर तय करने वाले अनूप बाल्मीकि के लिए हाथरस सीट को बचाए रखने की चुनौती है। भाजपा के लिए यह सीट काफी मजबूत मानी जाता रही है। इस सीट पर अब तक हुए 15 में से 7 चुनाव भाजपा ने जीते हैं। तीनों सीटों पर प्रत्याशियों के साथ योगी सरकार के वे मंत्री जो इन संसदीय सीटों से जुड़े जिलों से हैं, उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है। वे भी तीसरे चरण की सीटों पर कमल खिलाने के लिए पसीना बहा रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/दिलीप

   

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