बीएचयू में बुनियादी ढांचे को उन्नत करने और छात्र सुविधाएं बढ़ाने की कवायद तेज

- महिला महाविद्यालय को 1000 से अधिक क्षमता वाला एक नया छात्रावास मिलेगा

वाराणसी,01 मई (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में मौजूदा बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण, उन्नयन और नई सुविधाओं को विकसित करने की एक बड़ी कवायद चल रही है। इसका उद्देश्य संसाधनों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए छात्र सुविधाओं को बढ़ाना, विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करना है। साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि अंतिम उपयोगकर्ताओं को सर्वोत्तम संभव तरीके से लाभान्वित किया जाए।

इन प्रयासों में विश्वविद्यालय ने कई महत्वाकांक्षी विकासात्मक परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। इनमें महिला महाविद्यालय में एक नए अत्याधुनिक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण, भगवान दास के साथ-साथ सर्वपल्ली राधाकृष्णन हॉस्टल का उन्नयन और विस्तार, कमच्छा परिसर में शैक्षणिक और आवासीय ब्लॉकों का विकास, परिचारकों के लिए विश्राम सदन का निर्माण शामिल हैं। इलाज के लिए बीएचयू आने वाले मरीजों की संख्या, भारत कला भवन की प्रदर्शन दीर्घाओं का आधुनिकीकरण और उन्नयन, केंद्रीय पुस्तकालय भवन का नवीनीकरण और उन्नयन, रसायन विज्ञान विभाग के लिए मुख्य भवन का जीर्णोद्धार और नवीनीकरण। साथ ही छात्र गतिविधियों के लिए एक समर्पित सुविधा विकसित करना है।

विश्वविदयालय के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने बुधवार को इन विकास परियोजनाओं के संबंध में सभी हितधारकों के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने अब तक की प्रगति और भविष्य की कार्रवाई की व्यापक समीक्षा की। तीन दिनों के दौरान समीक्षा अभ्यास में परियोजनाओं पर वास्तुकला, डिजाइन और निर्माण पर प्रस्तुतियां दी गईं और कार्यान्वयन रणनीति में चुनौतियों का समाधान करने पर विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक में कुलपति ने कहा कि परियोजनाओं को सावधानीपूर्वक तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की कई इमारतों को तत्काल मरम्मत और जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। साथ ही विश्वविद्यालय की बढ़ती जरूरतों के अनुसार उन्नयन भी किया जाना चाहिए। ध्यान रखना है कि विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे का इष्टतम उपयोग हो, जबकि बीएचयू की गौरवशाली विरासत बरकरार रहे। पिछले डेढ़ साल में हमने बीएचयू की मास्टर प्लानिंग, चुनौतियों की पहचान और संभावित समाधानों पर विस्तृत काम किया है।

उन्होंने कहा कि इन परियोजना के पूरा होने पर, महिला महाविद्यालय को दोगुनी छात्रावास क्षमता के साथ एक बड़ा बदलाव मिलेगा। विश्वविद्यालय अपनी छात्राओं के लिए सुविधाएं विकसित करने पर अधिक ध्यान दे रहा है। वर्तमान में परिसर में 1200 सीटों वाला बालिका छात्रावास पहले से ही निर्माणाधीन है। प्रस्तावित एमएमवी छात्रावास में 1000 से अधिक छात्राओं के लिए कमरों की तैयारी है। जिसमें विशाल कमरे, सामाजिक स्थान, डाइनिंग हॉल, पढ़ने और चिकित्सा कक्ष, साथ ही छात्रों के माता-पिता के लिए आवास सुविधा का प्रावधान है। कॉलेज के मौजूदा विज्ञान और गृह विज्ञान भवनों को भी नया रूप देने का प्रस्ताव है और वे अंतरिक्ष और उन्नत सुविधाओं से संबंधित चिंताओं को दूर करने में सक्षम होंगे।

इसके अतिरिक्त, बीएचयू परिसर में मंदिर में आने वाले भक्तों और तीर्थयात्रियों के हित में श्री विश्वनाथ मंदिर परिसर को विकसित करने की गुंजाइश भी तलाशी जा रही है। किसी गैर-त्यौहार वाले दिन मंदिर में प्रतिदिन लगभग सात-आठ हजार पर्यटक आते हैं। प्रस्ताव में अधिक पार्किंग स्थान बनाने, त्योहारों के दौरान भारी भीड़ को प्रभावी ढंग से संभालने, भक्तों के लिए बेहतर सुविधाएं, सुरक्षा उपाय और मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण पर देने की जरूरत है। कुलपति को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर परिसर में आगामी क्रिटिकल केयर अस्पताल की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी गई।

बैठक में आर्किटेक्ट और सलाहकार, संस्थानों के निदेशक, संकायों के डीन, सीपीडब्ल्यूडी और यूडब्ल्यूडी अधिकारी, संबंधित विभागों के प्रमुख पदाधिकारी और विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

   

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