डॉ दादी रतन मोहिनी का संपूर्ण जीवन त्याग, तपस्या सेवा का अनूठा उदाहरण : स्नेहा बहन

सहरसा-प्रजापिता

सहरसा,09 मई (हि.स.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बनगांव रोड स्थित शान्ति अनुभूति भवन में संस्थान की अंतर्राष्ट्रीय मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ दादी रतन मोहिनी जी का शताब्दी समारोह हर्षोल्लास के साथ गुरुवार को मनाया गया।

इस विशेष मौके पर सेवाकेंद्र प्रभारी स्नेहा बहन ने कहा कि दादी रतन मोहिनी जी एक सौ साल की उम्र में भी इस आध्यात्मिक संस्थान को बहुत ही सुचारू रूप से नेतृत्व प्रदान कर रही हैं। उनके दीर्घायु होने की इस समागम में हम सभी बहन-भाई शुभकामना कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि डॉ दादी रतन मोहिनी जी का संपूर्ण जीवन त्याग,तपस्या और अविस्मरणीय सेवा का अनोखा एवं अनूठा उदाहरण है। दादी रतन मोहिनी जी ने अपनी अल्पायु में ही अपने जीवन को परमात्मा की सत्य पहचान के बाद उनके कार्यों के लिए समर्पित कर दिया।

उन्होंने सृष्टि के आदि पिता प्रजापिता ब्रह्मा बाबा और आदिशक्ति मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की साकार पालना प्राप्त की और परमात्मा की आज्ञा अनुसार 14 वर्षों तक सांसारिक जीवन से बिल्कुल अलग रहकर गहन साधना और तपस्या की। इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय का वैश्विक स्तर पर इतना बड़ा विस्तार इन आत्माओं की तपस्या रुपी बीज का ही साक्षात् वट वृक्ष स्वरूप है। दादी जी ने अपने 100 वर्षों के कार्यकाल में इस संस्थान में अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों का सफलता पूर्वक एवं कुशलता पूर्वक निर्वहन किया। उनके नेतृत्व में हजारों समर्पित बहनें एवं लाखों भाई-बहन प्रेरणा पाकर अपने जीवन को ईश्वरीय कार्य में निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिव शंकर भाई,डॉ रविंद्र रवि भाई,कैलाश पचेड़िया भाई,कन्हैया भाई,डॉ अर्जुन प्रसाद भाई,जयप्रकाश भाई,अवधेश भाई, शत्रुघ्न भाई, डॉ बबिता,सुषमा दहलान,विभा बंका,किरण तुलस्यान,उर्मिला क्याल सहित सैकड़ों भाई-बहन उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

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