कन्नौज: असली परीक्षा तो विधायकों की भी है

कन्नौज, 12 मई (हि. स.)। भले ही लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक आमने सामने हों, लेकिन अग्निपरीक्षा विधायकों की भी है। अपनी-अपनी सीट पर प्रत्याशी को जिताने से ही उनका 2027 का भविष्य तय होगा। कन्नौज संसदीय सीट के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से वर्तमान में चार पर भाजपा का कब्जा है।

कन्नौज सदर सीट से समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण व छिबरामऊ विधानसभा सीट से पूर्व राज्यमंत्री अर्चना पांडेय विधायक हैं। लोकसभा चुनाव में इन दिग्गजों के साथ औरैया व कानपुर देहात की एक-एक सीट व तिर्वा क्षेत्र के विधायकों को इम्तिहान देना होगा। कन्नौज लोकसभा सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव और भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक के बीच कांटे की टक्कर है। बसपा ने इमरान बिन जफर को मैदान में उतारा है। चुनाव जीतने के लिए दोनों दलों भाजपा व सपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। बसपा ने प्रचार की शुरुआत भले ही देर से की लेकिन अब वह भी अपनी पूरी ताकत लगा रही है।

संसदीय क्षेत्र में कन्नौज की सदर विधानसभा सीट पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, छिबरामऊ से पूर्व राज्यमंत्री अर्चना पांडेय, तिर्वा से कैलाश राजपूत, कानपुर देहात की रसूलबाद सीट से पूनम शंखवार भाजपा से विधायक हैं। सिर्फ औरैया की बिधूना विधानसभा सीट से सपा की रेखा वर्मा विधायक हैं। सभी अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए आश्वस्त नजर आ रहे हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने विधायकों की चुनाव सक्रियता व प्रदर्शन को परखने के लिए पर्यवेक्षक लगाए हैं। बसपा भी जोर-आजमाइश कर रही है।

सपा मुखिया स्वयं लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इससे माना जा रहा है कि इस चुनाव में विधानसभा क्षेत्र से आने वाले नतीजों के आधार पर 2027 के विधान सभा चुनाव में टिकटों का आवंटन होगा। तिर्वा विधानसभा से सपा प्रत्याशी अनिल पाल, छिबरामऊ से अरविंद सिंह यादव और सदर विधानसभा से अनिल दोहरे को बीते चुनाव में शिकस्त मिली थी। अनिल दोहरे का निधन होने से आगामी चुनाव में टिकट की दौड़ में उनके बेटे यश दोहरे और पूर्व विधायक कलियान सिंह दोहरे का नाम चल रहा है। तिर्वा और छिबरामऊ से भी कई नेताओं की प्रबल दावेदारी है। इससे माना जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में विधानसभावार नतीजों के आधार पर अखिलेश यादव टिकट आवंटन करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार /संजीव झा/विद्याकांत

   

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