लोस चुनाव : मोहनलालगंज में भाजपा लगाएगी हैट्रिक या सपा करेगी वापसी!

लखनऊ, 13 मई (हि.स.)। मोहनलालगंज लोकसभा सीट लखनऊ जिले के तहत आती है। लखनऊ के आउटर से जुड़े इलाकों के साथ ही सीतापुर जिले की सिधौली विधानसभा भी उसका हिस्सा है। पिछले दस साल से इस सीट पर भाजपा का काबिज है। यहां के सांसद कौशल किशोर केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं। अनुसूचित जाति के लिए उप्र की 17 रिजर्व सीटों में एक सीट मोहनलालगंज भी है। उप्र की संसदीय सीट संख्या 34 मोहनलालगंज में पांचवें चरण के तहत 20 मई को मतदान होगा।

मोहनलालगंज लोकसभा सीट का इतिहास

1962 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुए और 1984 तक कांग्रेस का इस सीट पर दबदबा रहा। सिर्फ 1977 में भारतीय लोकदल को यहां जीत मिली। 1991 और 1996 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार जीते,लेकिन इसके बाद लगातार चार बार समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार को जीत मिली। 2014 में भाजपा को फिर इस सीट पर जीत मिली और 2019 में भी भाजपा के कौशल किशोर अपनी सीट बचाने में सफल रहे। मोहनलालगंज सीट पर अब तक 15 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। कांग्रेस इस सीट से कुल 5 बार चुनाव जीत चुकी है। जबकि सपा और भाजपा ने 4-4 बार अपना परचम लहराया है। इस सीट से एक बार जनता दल और भारतीय लोकदल के प्रत्याशी चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि सबसे दिलचस्प बात ये है कि सुरक्षित सीट होने बाद भी बसपा कभी खाता भी नहीं खोल पाई।

पिछले दो चुनावों का हाल

2019 के आम चुनाव में भाजपा के कौशल किशोर ने जीत हासिल की। कौशल किशोर को 629,999 (49.58 प्रतिशत) वोट मिले जबकि बसपा प्रत्याशी छोटे लाल वर्मा को 539,795 (42.48 प्रतिशत) वोट मिले। कांग्रेस की ओर से मैदान में उतरे आर0के0 चौधरी को 60,069 (4.73 प्रतिशत) वोट ही मिले। कौशल किशोर को 1 लाख 201 मतों के अंतर से जीत मिली। इससे पहले 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच यह सीट भी बीजेपी के खाते में आ गई। भाजपा की ओर से मैदान में उतरे कौशल किशोर ने बसपा के आरके चौधरी को 1 लाख 45 हजार 416 मतों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में सपा तीन और कांग्रेस के नरेन्द्र गौतम तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार

मोहनलालगंज सीट से भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर पर तीसरी बार भरोसा जताया है। सपा-कांग्रेस गठबंधन में ये सीट सपा के खाते में है। सपा ने पूर्व मंत्री व कद्दावर नेता आर0के0 चौधरी को इंडिया गठबंधन के संयुक्त कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतारा है। बसपा से राजेश कुमार उर्फ मनोज प्रधान मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।

मोहनलालगंज सीट का जातीय समीकरण

मोहनलालगंज संसदीय सीट पर करीब 22 लाख वोटर हैं। मोहनलालगंज संसदीय सीट पर ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी करीब 34 फीसदी है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस सीट पर अनुसूजित जाति के वोटर्स का बोलबाला है। इस वर्ग के मतदाता जिस ओर पलट जाते हैं, चुनाव का रिजल्ट भी उसी ओर झुक जाता है।

विधानसभा सीटों का हाल

मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र का गठन सीतापुर और लखनऊ को काटकर किया गया है। इसमें 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इनके नाम मोहनलालगंज (अ0जा0), सरोजिनी नगर, बख्सी का तालाब और मलिहाबाद (अ0जा0) है। ये चारों सीटें लखनऊ जिले में आती हैं। जबकि सिधौली (अ0जा0) सीटें सीतापुर जिले में आती हैं। इन पांचों सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

जीत का गणित और चुनौतियां

मोहनलाल गंज में काग्रेस आखिरी बार 1984 में जीती थी। उसके बाद से यह सीट भाजपा और सपा के बीच घूम रही है और कांग्रेस पिछले 40 साल से इस सीट से बाहर है। सपा ने पूर्व मंत्री मंत्री व कद्दावर नेता आरके चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। चौधरी ने पिछले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मोहनलालगंज से चुनाव लड़ा था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बसपा से की थी। वो वह बसपा के संस्थापक सदस्य भी रह चुके हैं। भाजपा प्रत्याशी कौशल किशोर की सर्व समाज के वोटरों पर अच्छी पकड़ है। कौशल किशोर की पत्नी मोहनलालगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक है। भाजपा प्रत्याशी डबल इंजन की सरकार के विकास कार्यों, राम मंदिर, धारा 370 और मोदी की गारंटी का प्रचार कर रहे हैं। वहीं विपक्ष सरकार और सांसद की नाकामियां गिना रहा है। इस बार का चुनाव 2019 से भी कांटे का होने जा रहा है।

राजनीतिक विशलेषक अमित त्रिपाठी के अनुसार, पिछले चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद भाजपा ने एक लाख से ज्यादा के मार्जिन से ये सीट जीती थी। इस बार बसपा अकेले मैदान में है। इस बार यहां लड़ाई त्रिकोणीय जरूर है, लेकिन पलड़ा बीजेपी का भारी दिखाई देता है।

मोहनलालगंज से कौन कब बना सांसद

1962 गंगा देवी (कांग्रेस)

1967 गंगा देवी (कांग्रेस)

1971 गंगा देवी (कांग्रेस)

1977 राम लाल कुरील (भारतीय लोकदल)

1980 कैलाश पति (कांग्रेस आई)

1984 जगन्नाथ प्रसाद (कांग्रेस)

1989 सरजू प्रसाद सरोज (जनता दल)

1991 छोटे लाल (भाजपा)

1996 पूर्णिमा वर्मा (भाजपा)

1998 रीना चौधरी (सपा)

1999 रीना चौधरी (सपा)

2004 जय प्रकाश (सपा)

2009 सुशीला सरोज (सपा)

2014 कौशल किशोर (भाजपा)

2019 कौशल किशोर (भाजपा)

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.आशीष वशिष्ठ

   

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