(मुठभेड़ फालोअप) : जल शक्ति अभियान से नक्सलियों की गुरिल्ला वार ट्रेनिंग बेस कैंप हुआ ध्वस्त

जगदलपुर, 25 मई (हि.स.)। बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ को नक्सलियों की राजधानी कहा जाता है। अबूझमाड़ के रेकावाया में गुरुवार को हुई मुठभेड़ से आठ नक्सलियों के मारे जाने से बड़ा नुकसान अपने सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में स्थापित गुरिल्ला वार ट्रेनिंग बेस कैंप से हाथ धोना पड़ा है। अब नक्सलियों की राजधानी अबूझमाड़ एक मात्र सुरक्षित ठिकाना नहीं रह गया है।

नक्सली यहां लंबे समय से अपने लड़ाकों को तैयार कर रहे थे, लेकिन इस बार फोर्स ने सुनियोजित तरीके से ऑपरेशन जल शक्ति लागू कर दी है। फोर्स ने अबूझमाड़ के रेकावाया में ट्रेनिंग कैंप की जो तस्वीरें जारी की है, उसमें साफ दिख रहा है कि वहां नक्सलियों के ठहरने के इंतजाम थे। बांस-बल्ली से कुटिया बनाई गई थी। इसके साथ ही ट्रेनिंग मॉडल भी तैयार किया गया था, जिसके माध्यम से नक्सलियों को ट्रेंड किया जाता था। मौके पर फोर्स को वह सभी जरूरी सामान मिले हैं जो नक्सली अपने दैनिक उपयोग में लाते हैं। फोर्स ने ऐसे सभी सामान को मौके पर ही नष्ट कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर के जंगलों में छिपे नक्सलियों को उनकी मांद से निकालने के लिए फोर्स के सैकड़ों जवान इंद्रावती नदी को पार कर अबूझमाड़ में दाखिल हुए। सभी जवान एक साथ अबूझमाड़ पहुंचे और नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप को घेर लिया। इंद्रावती को पार कर जवान मौके तक पहुंचे और सफलता पाई इसलिए इस अभियान को जल शक्ति नाम दिया गय है। इससे पहले फोर्स ने सूरज की पहली किरण के साथ मुठभेड़ करते हुए सफलता पाई थी, तब उस अभियान को सूर्य शक्ति नाम दिया गया था। नक्सलियों ने रेकावाया में सारी व्यवस्थाओं के साथ ट्रेनिंग कैंप स्थापित कर रखा था। वहां पर वे अपने नए लड़ाकों को गुरिल्ला वार की जरूरी जानकारी दिया करते थे।

नक्सलियों का यह बेस कैंप इतना सुरक्षित था कि यहां पहुंचने से पहले फोर्स को नक्सलियों के एक बोर्ड का सामना करना पड़ा जिसमें हिंदी और गोंडी में लिखा था कि बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति या वाहन गांव में प्रवेश नहीं कर सकता है। इससे स्पष्ट है कि यह इलाका नक्सलियों के कितने प्रभाव में था। फोर्स पहली बार नक्सलियों को उनके इतने सुरक्षित माने जने वाले इलाके से खदेडने में कामयाब हुई है। मौके पर फोर्स को 400 प्लास्टिक के चप्पल मिले हैं। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इस जगह पर बड़ी संख्या में- नक्सलियों का जमावड़ा होता था। उनके लिए ही चप्पल मंगवाए गए हों। इसके अलावा एक जानकारी यह भी आ रही है कि नक्सली गांव के लोगों को बांटने के लिए चप्पल लाए हों। नक्सली ग्रामीणों को साधने के लिए कई तरह के कार्यक्रम करते हैं। इसमें कई तरह की स्पर्धाएं होती हैं, ऐसें में संभव यह भी है कि वे चप्पल ग्रामीणों के बीच बांटने वाले हों।

बस्तर संभाग से नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार अब आर-पार के मूड में दिख रही है। नक्सलियों के सफाए के लिए अबूझमाड़ में ऑपरेशन जल शक्ति लॉन्च कर दिया है। जल शक्ति अभियान के पहले चरण में जवानों ने आठ नक्सलियों को ढेर कर दिया। 72 घंटे तक चले इस अभियन में जवानों ने उनकी ही मांद में घुसकर उनको मुंहतोड़ जवाब दिया है। मुठभेड़ के बाद मौके से बड़ी संख्या में हथियार और गोला बारुद व दैनिक उपयोग के सामान और बड़ी मात्रा में एंटीसेप्टिक दवाएं बरामद कर मारे गए नक्सलियों के शव और सामान को जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा लाया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

   

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