मानसून की मेहरबानी से राजस्थान होगा तरबतर

जयपुर, 25 मई (हि.स.)। प्रदेश में वर्तमान में गर्मी अपना प्रचंड रुप दिखा रही है। तेज गर्मी से आए दिन लोग काल का ग्रास बन रहे है। मौसम विभाग ने गर्मी के आधार पर इस बार प्रदेश में जमकर बारिश होने की उम्मीद जताई है। बारिश से प्रदेश पूरी तरह तरबतर होगा और खाली पड़े बांध लबालब होंगे। प्रदेश में मानसून के दौरान औसत से ज्यादा बारिश की मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है। इस बार मानसून के दौरान प्रदेश में 500 से 600 मिलीमीटर बारिश होने की उम्मीद की जा रही है।

मौसम विभाग के अनुसार एक जून से 30 सितम्बर तक प्रदेश में होने वाली बारिश की मानसून के आधार पर गणना की जाती है। 435.6 मिलीमीटर बारिश को प्रदेश में औसत माना गया है। इस दौरान पूर्वी राजस्थान में 626.6 और पश्चिम राजस्थान में 283.6 मिलीमीटर औसत बारिश मानी गई है। इस बार प्रदेश में औसत से ज्यादा बारिश होने की पूरी उम्मीद है। मानसून के दौरान जून माह में औसतन 55, जुलाई में 161.4 , अगस्त में 155.7 और सितम्बर में 63.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की जाती है। 25 मई से 2 जून तक नौतपा रहेगा। नौतपा जितने अधिक तपते हैं तो उस साल बारिश भी अच्छी होती है। इसी वजह से नौतपा को मानसून का गर्भकाल भी माना जाता है। इन 9 दिनों में सूर्य यदि तेज तपता है तो उस क्षेत्र में अच्छी वर्षा होती है और संवत भी अच्छा होता है। मौसम विभाग द्वारा 2024 के मानसून को लेकर जारी पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल करीब 106 फीसदी बारिश की संभावना है, हालांकि इसमें 5 फीसदी कम ज्यादा हो सकता है। पूर्वानुमान के मुताबिक पिछले 50 साल के आंकड़ों के अनुसार इस साल भारत में 87 सेंटीमीटर बारिश होने की उम्मीद है। वहीं प्रदेश में भी 43 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश की संभावना है।

मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक हिंमाशु शर्मा ने बताया कि इस बार प्रदेश में तय औसत से ज्यादा बारिश होने की पूरी उम्मीद है। वर्तमान में प्रदेश में गर्मी अपने प्रचंड रुप में नजर आ रही है। प्राचीन काल से ही यह कहा जाता रहा है कि अगर गर्मी में धरती खूब तपती है तो मानसून में बारिश भी जमकर होती है। इस बार गर्मी लगातार रिकॉर्ड बना रही है। गर्मी को लेकर अब तक की मौसम विभाग की भविष्यवाणी सहीं साबित हुई है।

पश्चिम राजस्थान में बढ़ने लगा बारिश का ग्राफ

मौसम विभाग के अनुसार पिछले कुछ सालों में बारिश का ट्रेंड बदला नजर आ रहा है। पिछले कुछ सालों में पूर्वी राजस्थान में बारिश में कमी तो वहीं पश्चिम राजस्थान में बारिश का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इससे रेगिस्तानी इलाकों में लगातार हरियाली बढ़ रही है। आगामी समय में पश्चिम राजस्थान से रेगिस्तान सिमट कर पूर्वी राजस्थान की ओर बढ़ने लगेगा। लेकिन इस परिवर्तन में कई बरस लग जाएंगे। बाड़मेर में औसतन बारिश 25 सेंटीमीटर बारिश होती है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां पर बारिश का औसत में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। वहीं पूर्वी राजस्थान के अधिकांश जिलों में औसत बारिश के आंकडे में गिरावट आई है।

पिछले तीन साल औसत से ज्यादा बरसा मानसून

पिछले तीन सालों में मानसून की प्रदेश पर अच्छी मेहरबानी रही है। पिछले तीन सालों में मानसून के दौरान औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में औसत बारिश का आंकडा 435.6 मिलीमीटर है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में 485.3, 2022 और 595.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं पिछले साल प्रदेश में मानसून के दौरान 499.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इस दौरान पूर्वी राजस्थान में 622.7 और पश्चिम राजस्थान में 401.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश/संदीप

   

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