जनता को परेशान करने वाले तीन जिला समाज कल्याण अधिकारी निलंबित

चंडीगढ़, 7 जून (हि.स.)। लोकसभा चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद आचार संहिता हटते ही हरियाणा सरकार ने प्रदेश के तीन और समाज कल्याण अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों ने लोकसभा चुनाव के दौरान न केवल सरकार विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे बल्कि चुनावों के दौरान कई जगह पेंशन वितरण तथा पेंशन भोगियों के आवेदनों की त्रुटियों को दूर करने में भी लोगों की सुनवाई नहीं की।

अधिकारियों ने चुनावों के दौरान कई ऐसे पेंशन भोगियों को नोटिस जारी किए, जिन्होंने कथित तौर पर गलत तरीके से पेंशन ली थी। चुनाव के दौरान उक्त अधिकारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को विश्वास में लिए बगैर ही रिकवरी के नोटिस जारी कर दिए। सरकार ने लोकसभा चुनाव के दौरान मिली शिकायतों के आधार पर तीन जिलों के जिला समाज कल्याण अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें करनाल-कैथल के डीएसडब्ल्यूओ सत्यवान सिंह, पानीपत-सोनीपत के रविंद्र हुड्डा और गुरुग्राम-मेवात के डीएसडब्ल्यूओ जितेंद्र कुमार शामिल हें। इन सभी को चंडीगढ़ मुख्यालय में तलब किया गया है। इन तीनों अधिकारियों के निलंबन के बाद कृष्णा को करनाल, सीमा रानी को कैथल तथा जयपाल सिंह को पानीपत का जिला समाज कल्याण अधिकारी नियुक्त किया गया है।

इसी तरह सोनीपत की डीएसडब्ल्यूओ रेनु सिसोदिया को रोहतक, गुरुग्राम के डीएसडब्ल्यूओ अमित शर्मा को महेंद्रगढ़ तथा नूंह के डीएसडब्ल्यूओ बीरेंद्र सिंह को झज्जर की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। आचार संहिता के दौरान लोगों को पेंशन रिकवरी के पत्र जारी करने के आरोप में यमुनानगर के जिला समाज कल्याण अधिकारी ईश्वर सिंह राठी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। पंचकूला के डा. विशाल सैनी को यमुनानगर का अतिरिक्त प्रभार दिया हुआ है। सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय सेवा विभाग के आयुक्त तथा सचिव पंकज अग्रवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील

   

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