मानवाधिकार आयोग ने मानेसर में अमेजन कंपनी में श्रम विरोधी प्रथाओं का लिया संज्ञान

नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने हरियाणा के मानेसर में अमेजन कंपनी के गोदाम में श्रम-विरोधी प्रथाओं का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने सरकार के श्रमिक-समर्थक कानूनों और नीतियों के बावजूद कथित उल्लंघन के आरोपों पर चिंता व्यक्त की है और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हरियाणा के मानेसर में अमेजन के गोदाम में 24 वर्षीय कर्मचारी को यह शपथ दिलायी गई कि अपनी टीम के 30 मिनट के चाय ब्रेक के बाद, जब तक वे 24 फीट लंबे छह ट्रकों से सारे पैकेज नहीं उतार लेते, तब तक प्रसाधन या पानी के लिए ब्रेक नहीं लेंगे। कथित तौर पर मानेसर गोदाम में एक महिला कर्मचारी ने कहा कि कार्य स्थलों पर प्रसाधन की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।

समाचार रिपोर्ट के अनुसार, सप्ताह में पांच दिन दस घंटे प्रतिदिन काम करने वाले और 10,088 रुपये प्रति माह कमाने वाले एक कर्मचारी ने कहा कि अगर वे 30 मिनट के लंच और चाय ब्रेक सहित बिना ब्रेक के लगातार काम करते हैं, तो भी वे प्रतिदिन चार से अधिक ट्रकों से सामान नहीं उतार सकते। एक महिला कर्मचारी ने यह भी दावा किया कि वह रोजाना नौ घंटे खड़ी रहती हैं और उसे ड्यूटी के दौरान प्रति घंटे 60 छोटे उत्पादों या 40 मध्यम आकार के उत्पादों की जाँच करनी पड़ती है। रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस बहुराष्ट्रीय कंपनी पर इस तरह के आरोप लगाये गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/रामानुज

   

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