सांस्कृतिक राजधानी के नाम से मशहूर मंडी शहर में नहीं है अदद प्रेक्षागृह

मंडी, 20 जून (हि.स.)। प्रदेश के केंद्र में स्थित ऐतिहासिक मंडी नगर जिसे सांस्कृतिक राजधानी का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद भी यहां के कलाकारों को अपनी प्रस्तुति देने के लिए शहर के बीचोंबीच एक अदद प्रक्षागृह की दरकार है। इसी मुददे को लेकर शहर की प्रमुख सांस्कृतिक संस्थाओं के पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल वरिष्ठ साहित्यकार मुरारी शमी की अगुवाई में नगर निगम मंडी के मेयर विरेंद्र भट्ट शर्मा से मिला।

इस अवसर पर सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों और रंगकर्मियों ने नगर निगम के मेयर विरेंद्र भट्ट को अवगत करवाया कि राष्ट्रीय स्तर पर मंडी की सांस्कृतिक संस्थाओं ने अपनी प्रस्तुतियों से मंडी का नाम रौशन किया है। यही नहीं इन्हीं सांस्कृतिक संस्थाओं की वजह से ही मंडी को सांस्कृतिक राजधानी के नाम से जाना जाता है। लेकिन खेद का विषय है कि मंडी शहर में इन सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं को न तो रहिर्सल करने का स्थान उपलब्ध है और न ही अपनी प्रस्तुतियो के प्रदर्शन के लिए शहर के बीच कोई अदद प्रेक्षगृह तक नहीं है। जिसके चलते रंकर्मियों और अन्य कलाकारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इस प्रतिनिधि मंडल में सांस्कृतिक मंच मंथन रंग मंडल के अध्यक्ष राकेश कुमार, सवांद युवा मंडल के अध्यक्ष गौरव शर्मा, जागृति कला मचं के गगन शर्मा, नव ज्योति कला मंच की ओर से विशाल बड़पगा, नवरंग कला मचं से मस्त राम , हरदेव सिंह, आकार थियेटर सोसाइटी से अनिल महंत तथा वरिष्ठ रंगकर्मी पुष्पराज पुष्पी, राजेश कुमार, रामपाल मलिक, वेद कुमार, दीप कुमार, विशाल दीक्षित, चेतन कपूर, मनीष कपूर, मंजीत मन्ना, बलवीर सिंह, कृष्णा देवी, कमलेश महाजन, मृदुुला, शैलजा, सविता, सोनिका, संजय चंदेल इत्यादि कलाकार उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मेयर विरेंद्र भट्ट ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि नगर निगम इस मुददे पर गंभीरता से विचार कर मंडी शहर के कलाकारों के लिए शहर के बीचों बीच प्रेक्षागृह का निर्माण कर सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील

   

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