गुजवि ने प्रकृति, जीव संरक्षण व मानवता के लिए शिक्षाएं दी: डॉ. जयदीप आर्य

योग आयोग के अध्यक्ष ने किया गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान का दौरा

हिसार, 20 जून (हि.स.)। हरियाणा योग आयोग के अध्यक्ष डा. जयदीप आर्य ने कहा है कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज संत कबीर, गुरु नानक देव तथा महर्षि दयानंद की तरह एक महान योगी थे। उन्होंने प्रकृति व जीव संरक्षण तथा मानवता के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वे गुरुवार को गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान का दौरा करने उपरांत बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने संस्थान परिसर में गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के मंदिर में जल रही अखंड ज्योति के दर्शन किए तथा ध्यान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर के साथ चर्चा की। इस अवसर पर हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. एनके बिश्नोई उपस्थित रहे। डॉ. जयदीप आर्य ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज ने सम्पूर्ण मानवता की भलाई के लिए 29 नियमों की स्थापना की, जिनमें प्रकृति संरक्षण, नारी उत्थान तथा प्रतिदिन यज्ञ का नियम विशेष है। गुरु जम्भेश्वर जी महाराज आधुनिक कालखंड के अनुभूत योगी थे। विश्वविद्यालय को उनकी शिक्षाओं को पाठ्यक्रम में भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार गुरु जी के सिद्धांतों के अनुरूप कार्य कर रहा है। इस विश्वविद्यालय में एक भी पेड़ को काटा नहीं जाता, बल्कि प्रत्यारोपित किया जाता है।

उन्होंने इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई व कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी सौभाग्यशाली हैं, जो एक महान आध्यात्मिक चेतना से युक्त वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार को विश्वविद्यालय 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में विश्वविद्यालय के योगा संघ के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अपनी योगासन की प्रस्तुति भी देंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि योगासन के उच्च स्तरीय खिलाड़ियों को विशेष वरीयता प्रदान की जाए। विश्वविद्यालय में योग का अलग से विभाग खोला जाए तथा प्राकृतिक चिकित्सा तथा योग से संबंधित अन्य डिग्री व डिप्लोमा कोर्सिज भी शुरु किया जाए। इस अवसर पर डा. जयदीप आर्य को संस्थान से संबंधित साहित्य भेंट किया गया। उन्होंने संस्थान में उपलब्ध धार्मिक साहित्य का अवलोकन भी किया।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

   

सम्बंधित खबर