कैथल:नई सरकार का पुराना धोखा,लागत के साथ 50 प्रतिशत मुनाफे का नहीं दिया मौका

किसानों के ख़िलाफ़ बर्बरता से बाज नहीं आ रही केंद्र सरकार: रणदीप सुरजेवाला

कैथल, 21 जून (हि.स. )। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार को घेरा और केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने के आरोप लगाए। शुक्रवार दोपहर को किसान भवन पर पत्रकार वार्ता में सुरजेवाला ने कहा कि दस साल की मोदी सरकार को देश के अन्नदाता किसानों ने हराकर बैसाखियों पर ला दिया, मगर बैसाखियों के सहारे की सरकार किसानों के खिलाफ़ बर्बरता से बाज नहीं आ रही।

केंद्र सरकार न किसानों के समर्थन मूल्य का कानून बना रही है, ना किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लागत का 50 प्रतिशत अधिक मुनाफा दे रही है। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी तो दोगुना नहीं की, मगर आज भी उन्हें दर्द सौ गुना दिया जा रहा है। कड़वी सच्चाई यह है कि किसान की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी ही नहीं जाती। किसान को लागत जमा 50 प्रतिशत मुनाफा के बराबर एमएसपी नहीं दिया जाता।

उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों से दो बड़े वादे कर सत्ता में आई है। पहला वादा था, किसान के एमएसपी को ‘‘लागत जमा 50 प्रतिशत मुनाफा पर निर्धारित करना। दूसरा वादा था कि इस एमएसपी निर्धारण के फॉर्मूले से साल 2022 तक देश के 62 करोड़ किसान की आय दोगुनी हो जाना। दोनों बातें सफेद झूठ साबित हुई हैं। खरीफ़ की फसलों एमएसपी निर्धारित करते हुए मोदी सरकार ने न तो भाजपा शासित प्रांतों की सिफारिश मानी, और न ही लागत जमा 50 प्रतिशत मुनाफा के आधार पर एमएसपी निर्धारित किया। भाजपा सरकार में एमएसपी अब मैक्सिमम सफरिंग का प्रोड्यूसर बन गया है, क्योंकि एमएसपी के कोई मायने नहीं बचे। उन्होंने कहा कि कड़वा सत्य यह है कि मोदी सरकार द्वारा जारी एनएसएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक देश के किसान की प्रतिदिन आमदनी मात्र 27 रूपए है, और औसतन कर्ज 74 हजार रूपए है। यह देश के लिए घातक है।

हिन्दुस्थान समाचार/नरेश

   

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