दंगे और हत्या के मामले में फरार आरोपित गिरफ्तार

नई दिल्ली, 26 जून (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे वांछित अपराधी को गिरफ्तार किया है जो बिहार के दरभंगा जिले के वाजिदपुर के 2021 के दंगे और हत्या के एक मामले में फरार था। वह बिहार पुलिस की पकड़ से बचने के लिए वह दिल्ली में छिपा हुआ था।

वह यहां एक राजनीतिक स्थानीय लीडर के साथ जुड़कर आरोपित कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा था। क्राइम ब्रांच की तरफ से गिरफ्तार किए गए आरोपित की पहचान मोहम्मद आफताब (32) के रूप में हुई है। उसके कब्जे से एक बाइक भी बरामद की गई है। इस बाइक चोरी की शिकायत नबी करीम थाने में दर्ज है।

क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट सीपी डीसीपी संजय भाटिया के मुताबिक एसआई सुभाष चंद को दरभंगा जिला अंतर्गत मणि गाछी पुलिस थाने में दर्ज दंगे और हत्या के मामले में वांछित आरोपित के दिल्ली में छिपे होने की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपित की गतिविधि पर मिले इनपुट के आधार पर डीसीपी/क्राइम आईपीएस राकेश पावरिया के समग्र पर्यवेक्षण और एसीपी/सेंट्रल रेंज पंकज अरोड़ा की करीबी निगरानी में एसआई सुभाष चंद के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। टीम ने आरोपित की धरपकड़ के लिए अभियान को तेज किया।

टीम ने मोती बाग रोड माता मंदिर के पास जाल बिछाया। इस दौरान मुखबिर ने मोती बाग फ्लाईओवर की ओर से आ रहे एक व्यक्ति को रुकने का इशारा किया जो बिना रजिस्ट्रेशन वाली मोटर साइकिल पर सवार था। उसने अपनी मोटरसाइकिल रोकने की बजाय स्पीड को बढ़ा दिया और भागने की कोशिश करने लगा। पुलिस टीम ने उसका पीछा किया और उसे रोक लिया।

पूछताछ करने पर उसने अपनी पहचान मोहम्मद आफताब, दरभंगा (बिहार) के रूप में बताई। उसने बताया कि वह वाजिदपुर (दरभंगा, बिहार) के जून 2021 के दंगों व हत्या के मामले में खुद को बचाने के लिए दिल्ली में छिपा हुआ था।

ये मामला एक ही समुदाय के लोगों के दो गुटों के बीच कुछ छोटी-छोटी बातों को लेकर हुए झगड़े का था, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। इसके चलते शुरुआत में हत्या और हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया और आगे इस मामले में दंगे की धारा समेत अन्य धाराएं भी शामिल की गईं। पुलिस के मुताबिक मोहम्मद आफताब इस मामले में मुख्य आरोपित है, जिसने मृतक के साथ मारपीट की थी। उक्त मामले में 13 आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। घटना के बाद वह दिल्ली आ गया था और बाद में एक स्थानीय नेता के साथ जुड़कर राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगा था।

हिन्दुस्थान समाचार/ अश्वनी/रामानुज

   

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