(अपडेट) दवा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद मलबे में दबे मिले जिंदा जले चार लोगों के शव

अलवर, 26 जून (हि.स.)। भिवाड़ी (खैरथल-तिजारा) के औद्योगिक क्षेत्र स्थित खुशखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में वर्तिका केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में दवा और केमिकल बनाने वाली फैक्ट्री में धमाका होने के बाद बुधवार को मलबे में दबे तीन कर्मचारियों के शव मिले हैं। हादसे में एक कर्मचारी झुलसकर बेहोश हो गया था जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत गई थी। बारह अन्य कर्मचारी झुलस गए थे। दमकल की 10 गाड़ियों ने करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हादसे के समय फैक्ट्री में 50 से अधिक कर्मचारी थे। तीन कर्मचारियों की कोई खबर नहीं मिल रही थी। इस पर बुधवार को फैक्ट्री की सर्चिंग की गई। इस दौरान तीनों के शव मिले।

तिजारा डीएसपी शिवराज ने बताया कि मिर्जापुर (यूपी) निवासी अजय (24) पुत्र जटा शंकर झुलसकर बेहोश हो गया था। उसे पीछे वाले दरवाजे से निकाल कर प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए थे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। तीन कर्मचारी नहीं मिल रहे थे। उनकी खोज के लिए मंगलवार रात 12 बजे तक नाइट विजन लाइट्स और अन्य इक्विपमेंट के साथ फैक्ट्री में सर्चिंग की गई। पर कोई सफलता नहीं मिली। बुधवार को दोबारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

ग्राउंड फ्लोर पर पड़े मलबे को हटाया तो इसमें दो शव मिले। इनकी पहचान यूपी निवासी विकास (24) पुत्र अभयराज और अमेठी (यूपी) निवासी विशाल (22) पुत्र राजकुमार सिंह के तौर पर हुई है। इसके बाद फैक्ट्री के फर्स्ट फ्लोर पर सर्चिंग की गई। यहां जम्मू-कश्मीर निवासी राजकुमार (34) पुत्र बंशी लाल का शव मिला।

फैक्ट्री के कर्मचारी दुर्गा पांडे ने बताया कि शाम को काम में व्यस्त था। अचानक हुए धमाके से पूरा इलाका दहल उठा। देखते ही देखते मैं चारों तरफ से आग में घिर गया। बचने के लिए बाहर की तरफ भागा, फिर भी मैं झुलस गया। मेरे सिर में भी चोट लगी है। कर्मचारी देव कुमार ने बताया कि जोरदार धमाके के साथ फैक्ट्री की छत पर लगा टीन शेड मेरे ऊपर गिर गया। मेरा पैर टीन शेड के नीचे फंस गया। बमुश्किल खुद को इसके नीचे से निकाला और बाहर की ओर भागा। फैक्ट्री में हुए धमाके में 12 कर्मचारी झुलस गए थे। खुशखेड़ा के प्राइवेट हॉस्पिटल बीएसएस के डॉ. नरेंद्र शेखावत ने बताया कि भर्ती मरीजों में सज्जन (40) पुत्र मानसिंह, नवीन कुमार (38) पुत्र हरि सिंह, शैलेश कुमार (30) पुत्र शेर सिंह, अवनेश कुमार (21) पुत्र नेम सिंह, रंजीत (23) पुत्र राकेश, शमशेर सिंह (36) पुत्र जयपाल पटेल, देव कुमार (28) पुत्र राम शंकर और दुर्गा पांडे (29) पुत्र शंभू नाथ पांडे को भर्ती कराया गया था। सभी को छुट्टी दे दी गई है। अन्य चार कर्मचारियों को भिवाड़ी के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पा रही है।

अब तक इस घटना में चार लोगों की मौत हो चुकी है। फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियों ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था। फैक्ट्री पूरी तरह जल चुकी है। हर तरफ मलबा ही मलबा पड़ा है। इसमें मिसिंग कर्मचारियों को ढूंढना किसी चुनौती से कम नहीं था। सर्च ऑपरेशन में तीन कर्मचारियों के शव मिले हैं। तिजारा डीएसपी शिवराज ने बताया कि फैक्ट्री मालिक कमल नयन त्रिपाठी को सूचना दी गई है। वह मौके पर नहीं पहुंच पाए हैं। उनकी तबीयत खराब है। वह दिल्ली के एक हॉस्पिटल में भर्ती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

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