लखनऊ में कुकरैल नदी की जमीन पर अभी भी पांच सौ अवैध निर्माण

लखनऊ, 27 जून (हि.स.)। लखनऊ में कुकरैल नदी की जमीन पर अतिक्रमण के फैलाव के प्रमाण मिलते ही जा रहे हैं। सिंचाई विभाग, एलडीए, नगर निगम की संयुक्त कार्रवाई के बाद कुकरैल नदी की जमीन पर बसाये गये अकबर नगर को उजाड़ा गया। एलडीए ने बुलडोजर कार्रवाई करा के अबकर नगर को हटाया। अब सिंचाई विभाग और एलडीए के सर्वे में अबरार नगर, आदिल नगर और खुर्रम नगर के पांच सौ के करीब दुकानें, मकानों को अवैध निर्माण के तहत चिन्हित किया गया है।

एलडीए के उपाध्यक्ष डा.इन्द्रमणि त्रिपाठी ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि वर्तमान समय में अबरार नगर, आदिल नगर, खुर्रम नगर के बहुत सारे हिस्सों की जांच में सामने आया है, वहां बनाये गये मकानों में अधिकांश अवैध निर्माण हैं। नदी की जमीन पर कब्जा होता गया और मकान बनते गये है। अब जमीन को खाली कराने की मुहिम में अबरार नगर और इसके बाद आदिल नगर में बुलडोजर चलेगा।

डा.इन्द्रमणि ने कहा कि कुकरैल वन क्षेत्र के बांयी ओर बहने वाली कुकरैल नदी में जल की कमी होने से उसका बहाव क्षेत्र कम हुआ। इसके बाद कुकरैल वन के दूसरे ओर की जमीन पर कब्जा करने का सिलसिला चला, जिसमें अवैध रुप से मकान बनते गये। अबरार नगर और आदिल नगर में कई परिवार की तीसरी पीढ़ी रह रही है, किन्तु अवैध रुप से बसाये गये अबरार नगर और आदिल नगर के चिन्हित मकानों को गिरायेंगे। जिससे नदी की जमीन को मुक्त कराया जा सके।

अबरार नगर निवासी मोहम्मद जाबिर ने कहा कि हम अल्लाह के बन्दे है, डरते नहीं हैं। बहुत सारे मौसम आये और चले गये। हमने अबकर नगर टूटते देखा है। अब अबरार नगर तोड़ने वाले है। इस बार अबरार नगर में बुलडोजर कार्रवाई का विरोध होगा। एलडीए के अधिकारियों के दम पर सरकार की मनमानी नहीं चलेगी। जिस वक्त हमारे लोगों ने जमीनें खरीदी थी, तब एलडीए कहां था। हमने जमीने खरीदी और मकान बनाये। एलडीए वाले जमीन बेचने वालों पर कार्रवाई कर के दिखाये।

जीशान अहमद ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार एकतरफा कार्रवाई कर रही है। कुकरैल नदी की जमीन को खाली कराने के नाम पर एक पक्ष को प्रताड़ित किया जा रहा है। कुकरैल नदी की तरह गोमती नदी के किनारे भी तो बहुत सारे भवन, धार्मिक स्थल बन गये है। वहां पर कार्रवाई क्यों नहीं होगी। कार्रवाई के नाम पर हमारे लोगों को कमजोर किया जा रहा है। लाचार होकर हमारे लोग दूसरे जगहों पर जाने के लिए मजबूर है। सरकार की मंशा क्या है, सभी जान चुके है।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद/मोहित

   

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