शताब्दी वर्ष में इन पांच विषयों को लेकर समाज के बीच जायेगा आरएसएस

लखनऊ,27 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इसलिए संघ (आरएसएस) शताब्दी वर्ष 2025 में पंच परिवर्तन के पांच विषयों को लेकर समाज के बीच जायेगा। इन पांच आयामों में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी व नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। संघ के कार्यकर्ता इन्हीं पांच विषयों को लेकर समाज का प्रबोधन करने का काम करेंगे। इसलिए चाहे संघ की कोई बैठक हो या अन्य कोई सार्वजनिक कार्यक्रम संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी पंच परिवर्तन का विषय जरूर रखते हैं। संघ के स्वयंसेवक इन पांच विषयों पर समाज के लोगों को साथ में लेकर कार्य करेंगे।

सामाजिक समरसता : अस्पृश्यता पाप है

अस्पृश्यता समाज के लिए पाप और कलंक है तथा संघ इसे मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।सामाजिक समरसता गतिविधि के नाम से देशभर में संघ सामाजिक समरसता निर्माण करने के लिए काम कर रहा है। सामाजिक समरसता के विषय में संघ ने स्पष्ट किया है कि समाज में विभेद के विरुद्ध विमर्श खड़ा करना तथा समरसता के लिए निरंतर प्रयास करना इस कार्ययोजना का लक्ष्य है।

कुटुम्ब प्रबोधन : वसुधैव कुटुम्बकम का दिव्य ध्येय साकार करेगा संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वसुधैव कुटुम्बकम के दिव्य ध्येय को साकार करने के लिए काम करेगा। इसकी पूर्ति के लिए संघ कार्यकर्ता अपने घर, आसपास के दस पांच परिवारों के साथ प्रेम आदव व विश्वास स्थापित करने का प्रयास करेंगे। आज हमारी परिवार व्यवस्था बिखरती हुई दिखाई दे रही है। संयुक्त परिवार एकल परिवारों में परिवर्तित होने लगे हैं। सपरिवार सामूहिक भोजन, भजन, उत्सवों का आयोजन व तीर्थाटन, मातृभाषा का उपयोग, स्वदेशी का आग्रह, पारिवारिक व सामाजिक परम्पराओं के संवर्धन व संरक्षण हो इसके लिए कुटुम्ब प्रबोधन गतिविधि काम कर रही है।

पर्यावरण: पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करेगा संघ

संघ ने इस बार पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में अधिक प्रभावी रूप से कार्य करने का निर्णय लिया है। आज विश्व के समक्ष पर्यावरण प्रदूषण विकट समस्या के रूप में उपस्थित है। संघ पर्यावरण संरक्षण हेतु देशभर में गतिविधियों के माध्यम से कार्य करेगा। इसमें जलसंवर्धन, पौधरोपण और प्लॉस्टिक-थर्मोकोल मुक्त पर्यावरण के प्रयास में समाज को साथ लेकर कार्य करेगा। वैसे तो संघ के स्वयंसेवक अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में शामिल हैं और समाज में जागृति भी आ रही है,लेकिन अब संघ संगठित व योजनाबद्ध रूप से कार्य करेगा।

स्वदेशी

स्वदेशी का विषय वैसे संघ के लिए पुराना है। पहले भी संघ ने स्वदेशी को लेकर देशभर में अभियान चलाया है। शताब्दी वर्ष के लिए भी संगठन ने पंच परिवर्तन में स्वदेशी के विषय को शामिल किया है।

नागरिक कर्तव्य

यदि भारत के नागरिक अपने कर्तव्यों का ध्यान रख लें तो भारत की बराबरी कोई नहीं कर सकता। नागरिक कर्तव्य के तहत जो जिस पद पर है, जिस दायित्व पर है, उसका निर्वहन निष्ठा और ईमानदारी पूर्वक करे। यही नागरिक कर्तव्य का उद्देश्य है।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/मोहित/सियाराम

   

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