हिमाचल में चल रही है पति-पत्नी और मित्रों की सरकार : बिंदल

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ राजीव बिंदल।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ राजीव बिंदल।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ राजीव बिंदल।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ राजीव बिंदल।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ राजीव बिंदल।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ राजीव बिंदल।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ राजीव बिंदल।

धर्मशाला, 27 जून (हि.स.)। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने अपने 18 महीनों के शासन काल में 12 बहानों के अलावा कुछ नहीं किया है। हिमाचल में पति-पत्नी और मित्रों की सरकार चल रही है। वीरवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल देहरा के ढलियारा में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी को टिकट देने से कांग्रेस के अंदर ज्वालामुखी धधक रहा है और 10 जुलाई के बाद यह ज्वालामुखी फट जाएगा। मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह पत्नी को चुनाव नहीं लड़ाना चाहते थे लेकिन उनकी मजबूरी है क्योंकि हाईकमान का आदेश है।

बिंदल ने कहा कि कोई मजबूर मुख्यमंत्री जन कल्याण नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि वर्ष में एक लाख नौकरियां देने वाली कांग्रेस ने नौकरी देने वाले संस्थान को ही बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में अव्यवस्था का आलम है और प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। मुख्यमंत्री के करीबी के बेटे को पुलिस ने दूसरे राज्य से शार्प शूटर बुलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आए दिन हत्या, चोरी, ड्रग्स और चिट्टे के मामले बढ़ रहे हैं। सरकार का ऐसे लोगों को सरंक्षण प्राप्त है। मुख्यमंत्री दो दर्जन से ज्यादा मित्रों को कैबिनेट रैंक और अन्य ओहदे बांट चुके हैं लेकिन गरीबों के लिए उनकी सरकार का खजाना खाली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा खजाना खाली होने का रोना रोते रहते हैं, अगर खजाना हो खाली है तो विकास कहां से होगा।

बिंदल ने कहा कि प्रदेश में हो रहे उपचुनावों के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। उनकी योजना के तहत तीन निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार नहीं किए गए। यदि समय पर त्यागपत्र स्वीकार किए होते तो लोकसभा चुनावों के साथ यह चुनाव भी हो जाते और जनता पार अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता। अपने आप को मजबूत मुख्यमंत्री कहने वाले सुक्खू के कार्यकाल में भाजपा ने लोकसभा की चारो सीटें जीती और मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र से भी भाजपा को बढ़त लेने से नहीं रोक पाए।

हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील

   

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