हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट 'अभ्यास' ड्रोन के सभी छह परीक्षण पूरे


- पहचान की गई एजेंसियों के साथ 'अभ्यास' ड्रोन उत्पादन के लिए तैयार

- सभी परीक्षण पांच किमी. की उड़ान, 0.5 मैक की गति के साथ किये गए

नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) 'अभ्यास' ने सभी छह विकासात्मक परीक्षण पूरे कर लिये हैं। अब इसके बाद पहचान की गई एजेंसियों के साथ 'अभ्यास' उत्पादन के लिए तैयार है। अभ्यास एक ड्रोन है, जिसे विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। आखिरी दो परीक्षण गुरुवार को देर रात किये गए, जिसमें न्यूनतम रसद के साथ 30 मिनट के अंतराल में दो बार लॉन्च किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सिंगल बूस्टर का उपयोग करके संशोधित मजबूत कॉन्फ़िगरेशन में विभिन्न मिशन उद्देश्यों के साथ हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट-अभ्यास के सभी छह विकासात्मक परीक्षण पूरे कर लिये हैं। इसके पहले चार उड़ान परीक्षण इसी साल फरवरी तक पूरे कर लिये गए थे। यह सभी परीक्षण ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में किये गए। आखिरी दोनों परीक्षण भी डीआरडीओ ने बेहतर बूस्टर कॉन्फ़िगरेशन के साथ किये हैं। यह परीक्षण बेहतर रडार क्रॉस सेक्शन, विजुअल और इन्फ्रारेड वृद्धि प्रणालियों के साथ किए गए थे।

परीक्षणों के दौरान बूस्टर की सुरक्षित रिहाई, लॉन्चर क्लीयरेंस और धीरज प्रदर्शन को कवर करने वाले विभिन्न मिशन उद्देश्यों को सफलतापूर्वक मान्य किया गया। न्यूनतम रसद के साथ संचालन की आसानी को प्रदर्शित करते हुए 30 मिनट के अंतराल में दो लॉन्च किए गए। इस मौके पर सेनाओं के प्रतिनिधियों ने उड़ान परीक्षणों को देखा। 'अभ्यास' को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरु ने डिजाइन किया है। इसे उत्पादन एजेंसियों हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो के माध्यम से विकसित किया गया है।

यह स्वदेशी प्रणाली एक ऑटो पायलट, विमान एकीकरण, उड़ान-पूर्व जांच और स्वायत्त उड़ान के लिए लैपटॉप-आधारित ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम की मदद से स्वायत्त उड़ान के लिए डिज़ाइन की गई है। इसमें उड़ान के दौरान विश्लेषण के लिए डेटा रिकॉर्ड करने की सुविधा भी है। बूस्टर को एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी और नेविगेशन सिस्टम को रिसर्च सेंटर (इमारत) ने डिजाइन किया है। 'अभ्यास' ने उड़ान परीक्षण के दौरान उच्च सहनशक्ति के साथ बहुत कम ऊंचाई पर एक उच्च सबसोनिक गति प्रक्षेपवक्र का प्रदर्शन किया। पूरी उड़ान अवधि के दौरान सिस्टम के प्रदर्शन की पुष्टि विभिन्न रेंज के उपकरणों ने कैप्चर किए गए डेटा से की।

अभ्यास एक ड्रोन है, जिसे विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पहली स्वदेशी प्रणाली है, जिसमें मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर के साथ नेविगेशन के लिए इनर ट्रियल नेविगेशन सिस्टम है। एयर व्हीकल की जांच लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन का उपयोग करके की जाती है। डीआरडीओ ने कहा कि लॉन्च के दौरान सिंगल बूस्टर और एक छोटे टर्बोजेट इंजन का उपयोग किया गया। इसका उपयोग उच्च सबसोनिक गति को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए किया जाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘अभ्यास’ के विकासात्मक परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सफल परीक्षण वैज्ञानिकों और उद्योग के बीच तालमेल का उल्लेखनीय प्रमाण हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई दी और कहा कि यह प्रणाली लागत प्रभावी है और इसके निर्यात की अपार संभावनाएं हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम 

   

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