सिरसा: गुरुद्वारा चिल्ला साहिब को भूमि सौंपना ऐतिहासिक फैसला: बाबा जगतार सिंह

चिल्ला साहब गुरुद्वारा को 77 कैनाल 7 मरला जमीन का मिलेगा मालिकाना हक

सिरसा, 28 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट की मीटिंग में गुरुद्वारा चिल्ला साहिब को भूमि सौंपना ऐतिहासिक फैसला किया है। जत्थेदार बाबा जगतार सिंह (कार सेवा वाले) व सुरेंद्र सिंह वैदवाला चेयरमैन गुरुनानक मिशन चैरिटेबल ट्रस्ट ने संयुक्त रूप से सरकार का इस कार्य के लिए शुक्रवार को आभार जताया।

गुरुद्वारा चिल्ला साहिब में शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार इस कार्य के लिए बधाई की पात्र है। इस 77 कनाल, 7 मरले भूमि में सराय, लंगर, सरोवर व चारदिवारी बनी हुई है। उन्होंने बताया कि 1567 विक्रमी, 14 आषाढ़ में गुरु नानक देव जी ने पहली बार सिरसा की पावन धरा पर अपने चरण रखे थे। उस वक्त गुरुद्वारे की जगह अब्दुल सकूर रहता था। उनका पीर करामात दिखाता था। करीब सवा चार माह वे लगातार यहां ठहरे और सेवा के बाद गुरुद्वारे से बाहर आए थे। हालांकि अपने पीर पैगंबर के

चमत्कार को लेकर काफी धारणाएं थी, लेकिन गुरुनानक देव जी द्वारादिए गए सद्मार्ग के संदेश से प्रेरितहोकर समूह संगत उनकी शरण मेंआ गई और उनके पीर केअंहकार को दूर कर उन्हें सद्मार्गका रास्ता दिखाया। सभी ने उनकीशक्ति व भक्ति को बखूबी पहचाना। उन्होंने हमेशा संगत को मेहनत करने, अच्छाई के रास्ते पर चलने व दूसरों की मदद करने का गुरमंत्र दिया। इस मौके पर बाबा नरेंद्र सिंह, लखबीर सिंह गिल,गुरमेल सिंह, काला सिंह सेवादार,जीवन सिंह सहित अन्य सिख संगत उपस्थित थीं।

हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/संजीव

   

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