हिमाचल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल: हिमाचली सिनेमा के अस्तित्व को लेकर लागों से सार्थक संवाद

मंडी, 28 जून (हि. स.)। प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी छोटीकाशी मंडी में जारी प्रथम हिमाचल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल कांगणीधार स्थित संस्कृति सदन से बाहर निकल कर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। जिसके चलते मंडी के ऐतिहासिक घंटाघर के संकन गार्डन में बाहर से आए अभिनेताओं और आयोजकों के साथ हिमाचली एवं भारतीय सिनेमा को लेकर स्थानीय लोगों के बीच खुला संवाद किया गया।

नगर निगम मंडी की ओर से आयोजित इस सिनेमा संवाद में शहर के सिनेमा, कला एवं संस्कृति प्रेमियों ने शिरकत कर कई सवाल इस दौरान उठाए। इस संवाद की सार्थकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिसमें लोंगों ने हिमाचली सिनेमा के भविष्य को लेकर फिल्म निर्माताओं, फिल्म फेस्टिवल और बाहर से आए कलाकारों के साथ गंभीर एवं सार्थक चर्चा की। हिमाचली सिनेमा का भविष्य क्या होगा, पंजाबी सिनेमा का हिमाचली सिनेमा पर प्रभाव कितना हावी होगा। इन सवालों के जवाब में मंडी से संबंध रखने वाले फिल्म डायरेक्टर पवनशर्मा ने कहा कि पंजाबी सिनेमा का नाच गाना कामयाबी का सबब नहीं है।

हिमाचली सिनेमा को किसी की नकल करने के बजाय अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा। वहीं पर अभिनेता आदित्य ओम ने कहा कि जब तक अपनी संस्कृति अपनी भाषा से प्रेम नहीं करंगे, हिमाचली सिनेमा की सार्थकता पर सवालिया निशान लगा रहेगा।

अपनी जड़ोंसे कट चुके हैं हम:अखिलेंद्र मिश्रा

अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने खुले संवाद सत्र में कहा कि हम अपनी जड़ों से उखड़ चुके हैं। हम चाहते तो हैं कि पेड़ हरा भरा रहे, लेकिन हम पत्तों को पानी दे रहे हैं। जबकि हमारे रूट्स सूख चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज दुर्भाग्य से न तो अच्छा साहित्य आ रहा है और न ही अच्छा सिनेमा, नतीजतन समाज में कितनी ही विकृतियां आ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत सरकार भी कुछ नहीं कर पा रही है । जबकि सरकार को चाहिए कि भारतीय सिनेमा या रंगमंच के लिए अलग से मंत्रालय बनाएं ताकि हम समाज को अच्छा संदेश दे सकें।

उन्होंने कहा कि फटा हुआ जीन्स पहनना आधुनिकता नहीं है। आधुनिकता अपनी संस्कृति और संस्कार से जुड़े रहना है। अपनी भाषा और परिवेश पर गर्व होना चाहिए। पहले जो समाज में होता था वो सिनेमा में दिखाया जाता था। लेकिन आज जो सिनेमा में दिखाया जा रहा है वो समाज में प्रभाव डाल रहा है। आज हमारे समाज में कितनी ही विकृतियां आ चुकी है। फि ल्में और बेब सीरीज देखकर ही क्राइम बढऱहा है। हम समाज को जो देना चाहिए वो दे नहीं पा रहे हैं। मुझे आज खुशी है कि आपके यहां मंडी के ही हिंदी सिनेमा के जाने माने डायरेक्टर पवन शर्मा ने पहला हिमाचल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन रतन ज्वैलर्स मंडी के सौजन्य से शुरू किया। आज हम खुले में यहां स्थानीय लोगों से सिनेमा पर चर्चा कर रहे हैं। ऐसी चर्चाओं से ही बदलाव आएगा। वहीं हिमाचली सिनेमा के बारे पूछे गए एक सवाल पर साउथ के अभिनेता आदित्य ओम ने कहा कि जब तक हम अपनी संस्कृति और भाषा पर गर्व नहीं करेंगे तब तक लोकल सिनेमा आगे नहीं बढ़ेगा। इस अवसर पर नगर निगम के मेयर विरेंद्र भट्ट, अभिनेत्री सपना एवं पीहू व अन्य साहित्य संस्कृति प्रेमी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/मुरारी/सुनील

   

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