सीयू में दो दिवसीय संगोष्ठी में प्रौद्योगिकी से संबंधित अवसरों और चुनौतियों पर हुई चर्चा

केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए मुख्यातिथि।

संगोष्ठी में 200 से अधिक शिक्षकों और शोधार्थियों ने प्रस्तुत किये शोध पत्र

धर्मशाला, 28 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग की ओर से आईक्यूएसी एवं भारतीय वाणिज्य एवं प्रबंधन एसोसिएशन के सहयोग से आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुक्रवार को समापन हो गया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ललित अवस्थी रहे। कार्यक्रम में विशेष अतिथियों के रूप में प्रो. एस एस नारटा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला और प्रदीप शर्मा, उप आयुक्त, टैक्स एवं एक्साइज कांगड़ा रहे।

वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मोहिंदर सिंह ने सभी अतिथियों का सम्मान एवं स्वागत किया। उन्होंने दो दिवसीय संगोष्ठी की विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में प्रतिभागियों के सामने प्रौद्योगिकी से संबंधित अवसरों एवं चुनौतियों की रूप रेखा रखी और साथ ही इस बात पर जोर दिया कि यदि प्रौद्योगिकी का उपयोग सही तरह से न किया जाए तो दुष्परिणाम भी दूरगामी होंगे।

संगोष्ठी में कुल 220 प्रतिभागियों ने 120 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए और उनमें से हर टेक्निकल सेशन से बेस्ट रिसर्च पेपर का भी चयन किया गया। दो दिवसीय इस संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. चमन कश्यप ने बताया कि इस संगोष्ठी में में देश के 15 राज्यों के 55 विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के 220 से अधिक शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने अपने शोध पेपर प्रस्तुत किए।

हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील

   

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