गृहमंत्री बनने के बाद लामिछाने ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए नेपाल पुलिस को लिखा था पत्र

काठमांडू, 28 जून (हि.स.)। सहकारी बैंक घोटालों में फंसे उपप्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री रवि लामिछाने ने अपने पद और पावर का दुरुपयोग करके खुद को निर्दोष साबित कराने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया था। इस बात का खुलासा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश किये गए एक पत्र से हुआ है।

दरअसल, सहकारी घोटाले में फंसे गृहमंत्री को पदमुक्त किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक ऐसा पत्र पेश किया गया, जिससे खुलासा होता है कि रवि लामिछाने ने दोबारा गृहमंत्री बनने के बाद अपने आपको निर्दोष साबित करने के लिए कास्की जिला पुलिस को पत्र लिखकर दबाब डाला था।सुनवाई के दौरान रवि लामिछाने के वकील की तरफ से अदालत में एक पत्र सौंपा गया, जिसमें पोखरा के सुप्रीम घोटाले में रवि लामिछाने की कोई भूमिका नहीं रहने और उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं होने की बात उल्लेख है।

इस पत्र को देखने के साथ ही रिट दायर करने वाले वकीलों ने इसकी सत्यता और वैधता पर सवाल खड़ा किया। विपक्षी वकीलों का कहना है कि यह पत्र जिस तारीख में लिखा गया है, उस समय रवि लामिछाने ने दोबारा गृहमंत्री का पदभार संभाल लिया था। विपक्षी वकीलों ने कहा कि गृहमंत्री के दबाब में ही उनको निर्दोष साबित करने के लिए यह पत्र लिखवाया गया है।

लामिछाने के विरोध में वकीलों ने यह भी तर्क दिया है कि सरकारी पक्ष का यह दावा भी सरासर गलत है कि उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। विपक्षी वकीलों ने पोखरा के अलावा बुवल, भैरहवा और काठमांडू के पुलिस स्टेशनों में सहकारी बैंक घोटाला के पीड़ितों ने लामिछाने का सबसे ऊपर नाम लिखवा कर एफआईआर दर्ज कराई है। वकीलों ने उन एफआईआर की कॉपी भी अदालत में जमा करवाई है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास/सुनीत

   

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