जलजमाव पर भाजपा ने दिल्ली सरकार की विफलता के लिए केजरीवाल से मांगा इस्तीफा

नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। मानसून की पहली बारिश में राजधानी में जगह जगह हुए जलजमाव पर भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए इसके लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा मांगा है।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने प्रेसवार्ता में कहा कि आज की बारिश ने अरविंद केजरीवाल शासित दिल्ली सरकार एवं दिल्ली नगर निगम की मानसून तैयारियों की पोल खोल दी है। बारिश में आज किराड़ी में बिजली करंट लगने से एक राजेश नामक 39 वर्षीय पुरुष की मृत्यु ने और वसंत विहार में निर्माणाधीन इमारत के गड्ढे में दो से तीन मजदूरों के डूबने की घटनाओं ने सभी दिल्ली वालों को विचलित किया है। मलका गंज, रोहिणी सहित अनेक स्थानों से सड़क धसने एवं वाहनों के फंसने की तस्वीरें सामने आईं। दक्षिण पुरी, सराय का काले खां बस्ती, जंगपुरा, लक्ष्मी नगर सहित अनेक स्थानों पर मकानों के भूतल एवं बेसमेंट में पानी भरने से काफी नुकसान हुआ। चांदनी चौक में ऐतिहासिक गुरुद्वारा शीशगंज साहब के प्रांगण स्थित जूता घर में भी पानी भर गया।

उन्होंने कहा कि आज जिस तरह दिल्ली जलमग्न हुई, उससे साबित हो गया कि जिस तरह दिल्ली सरकार ने पेयजल को लेकर समर एक्शन प्लान नहीं बनाया था, उसी तरह कोई बारिश में जल निकासी का भी कोई प्लान नही बनाया। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हम लगातार कह रहे थे की दिल्ली सरकार के जलबोर्ड एवं लोकनिर्माण विभाग एवं दिल्ली नगर निगम के स्वच्छता एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग दोनों में भ्रष्टाचार व्याप्त है और दोनों ने अपने नालों की सफाई नहीं की है और आज की बारिश से यह भी साबित हो गया।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह शर्मनाक है कि दिल्ली के जलबोर्ड एवं लोकनिर्माण विभाग के भ्रष्टाचार एवं उनकी मंत्री आतिशी की अकर्मण्यता ने दिल्ली वालों को पहले पेयजल संकट से रुलाया अब बरसात के पूरे मौसम में लोग रोज जलभराव झेलेंगे। आज 12 बजते बजते खुद जलबोर्ड मंत्री आतिशी के सरकारी बंगले के जलमग्न होने के समाचार के बाद से आम नागरिकों का केजरीवाल सरकार से विश्वास ही उठ गया है।

सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के मंत्रियों की बैठक के बाद मंत्री सौरभ भारद्वाज की 24 घंटे में कंट्रोल रूम की स्थापना करने की घोषणा एक झूठ और छलावा है, क्योंकि परम्परा अनुसार जलबोर्ड एवं दिल्ली नगर निगम दोनों में 1 जून से 15 सितम्बर तक मानसून कंट्रोल रूम बनता है। यदि वह नहीं बना है तो यह जांच का विषय है। पेयजल सप्लाई अव्यवस्था से उत्पन्न तीन माह के संकट के बाद मानसून को लेकर भी दिल्ली सरकार की विफलता से साफ है। अरविंद केजरीवाल सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नही बचा है, सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल

   

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