भाजपा के सत्तासीन होते ही आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में इजाफा हुआ है - विक्रम मंडावी

बीजापुर, 9 जनवरी(हि.स.)। विधायक विक्रम मंडावी के नेतृत्व में कांग्रेस का 5 सदस्यीय जांच दल कावडग़ांव से लौटने के बाद आज मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि, क्रॉस फायरिंग में 6 माह के मासूम की मौत के मामले पर कांग्रेस का 5 सदस्यीय जांच दल मुतवेंडी गांव नहीं पहुंच सका। सुरक्षा कारणों और पहुंच मार्ग पर जहां-तहां आईईडी मौजूद होने की आशंका से सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें और उनकी टीम को मुतवेंडी जाने से रोका। जिसके बाद आला अधिकारियों से लंबी चर्चा के बाद दल को कांवडग़ांव जाने की इजाजत मिली। जहां मुतवेंडी समेत आस-पास के गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में जुटे थे।

विधायक विक्रम मंडावी ने बताया कि जांच दल के सदस्यों ने कुछ चश्मदीदों से बात कर उनका बयान दर्ज किया। चश्मदीदों की मानें तो घटना जहां हुई तब वे मौके पर थे, गोली चलने की आवाज सुनते ही वे सब इधर-उधर अपनी जान बचाने भागे। गोलीबारी थमी तो पाया कि बच्ची को गोली लगी है, इसी दौरान सुरक्षा बल के जवान भी वहां पहुंच गए। चश्मदीदों ने बताया कि मौके पर नक्सली थे, नक्सलियों की तरफ से गोली चली थी, या जवानों की तरफ से यह तो जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा। उन्होने बताया कि जांच दल की मुलाकात मृत बच्ची की मां से नहीं हो सकी है, जांच दल उनसे भी मुलाकात करेगा।

विक्रम मंडावी ने कहा कि भाजपा के सत्तासीन होते ही आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में इजाफा हुआ है। जांच दल जिस इलाके का दौरा कर लौटा है, वहां ग्रामीण डरे-सहमे हुए हैं। वहां ग्रामीण सुरक्षा बलों की बर्बरता का शिकार हो रहे हैं। एड़समेटा, सारकेगुड़ा पीडि़तों के सवाल पर विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि सरकार किसी की भी हो न्याय मिलना चाहिए। उन्होने कहा कि एड़समेटा, सारकेगुड़ा बड़ी घटनाएं हैं, कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल में एड़समेटा की न्यायिक जांच रिपोर्ट को विस के पटल पर रख चुकी है। अब होना यह चाहिए कि भाजपा सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक कर पीडि़तों को न्याय दें।

विधायक विक्रम मंडावी ने भाजपा पर उद्योगपतियों का साथ देने और आदिवासियों को जल-जंगल से बेदखल करने का आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि भाजपा के सत्ता में काबिज होते उद्योगपतियों को बढ़ावा मिलता है, हसदेव प्रकरण इसकी बानगी है। कांग्रेस किसी भी सूरत में कोल माइंस आवंटन के पक्ष में नहीं हैं। सुरक्षा बलों के कैम्प विस्तार पर विधायक ने कहा कि कैम्प कहां बैठाना है और कहां नहीं बैठाना है, यह केंद्र और राज्य सरकारें तय करती है।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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