जयपुर में जुटेंगे दुनिया भर के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट, एडवांस टेक्नोलॉजी

जयपुर, 10 जनवरी (हि.स.)। इंडियन सोसाइटी ऑफ वैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (आईएसवीआईआर) का 24 वां वार्षिक सम्मेलन 11 जनवरी से जयपुर में आयोजित होगा। दिल्ली रोड स्थित फेयर माउंट होटल में हो रहे 4 दिवसीय मेडिकल सेमिनार में 23 देशों से इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट शामिल होंगे और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के क्षेत्र में एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे। सेमिनार में विभिन्न टॉक सेशंस और वर्कशॉप रखी गयी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी कैंसर जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज, रक्तस्राव और अन्य बीमारियों को रोकने के लिए कई पिनहोल प्रोसेस प्रदान करती है और सर्जरी के विकल्प के रूप में बेहतरी से कार्य करती है। इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी तकनीकों में कार्डियोवस्कुलर, हेपाटो-पित्त, जेनिटो-मूत्र, न्यूरोलॉजिकल, पेट और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम शामिल हैं।

आईएसवीआईआर के अध्यक्ष डॉ.सुयश कुलकर्णी ने बताया कि सेमिनार में दुनियाभर से शीर्ष इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट भाग ले रहे हैं। यूएसए से आ रहे डॉ. मैक्सिम इटकिन, पेल्विक व लिम्फोसेले-स्क्लेरोथेरेपी व एम्बोलिज़ेशन, हेपेटिक व मेसेन्टेरिक लिम्फैंगियोग्राफी और प्रोटीन खोने वाली एंटरोपैथी के उपचार में आईआर की बढ़ती भूमिका पर अपने विचार रखेंगे। लीवर कैंसर के इलाज के लिए न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं में विशेषज्ञता रखने वाले यूएसए के डॉ. संजीव कालवा भी उपस्थित रहेंगे। डॉ. कालवा उच्च रक्तचाप में एडवांस इमेजिंग और हिस्टियोट्रिप्सी पर अपने अनुभव साझा करेंगे।

पैनल में डॉ. अयमान अल सिबाई और डॉ. करीम अब्द अल तवाब भी शामिल हैं। डॉ. अयमान पेन मैनेजमेंट के लिए इंटरवेंशनल टेकनालॉजी में माहिर हैं। डॉ. करीम 2015 में हेमोराहाइडल एम्बोलिज़ेशन और 2016 में बेरिएट्रिक एम्बोलिज़ेशन करने वाले मिस्र के पहले व्यक्ति हैं। यूएसए से डॉ.संदीप बगला, थाईलैंड से डॉ.किराटी होंगसाकू भी सेमिनार में अपने अपने विचार रखेंगे।

आईएसवीआईआर सचिव डॉ.अजित के.यादव और साइंटिफिक चेयरमैन डॉ.बालाजी पटेल कोला ने बताया कि इमेजिंग तकनीकों में सुधार और समय के साथ उनकी व्यापक उपलब्धता ने भारत में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है। ऐसे मे इंडियन सोसाइटी ऑफ वैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी संस्था भारतीय मरीजों पर वित्तीय बोझ को कम करने और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी को लागत प्रभावी बनाने के लिए मेक इन इंडिया कार्यक्रम के हिस्से के रूप में स्वदेशी उपकरणों को विकसित करने और बढ़ावा देने पर सक्रिय रूप से काम कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

   

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