मॉरीशस का प्रतिनिधिमंडल ब्रज संस्कृति से हुआ गदगद, धर्म संगोष्ठी का हुआ आयोजन

मथुरा, 11 जनवरी (हि.स.)। अन्तरराष्ट्रीय वृद्धजन सम्मान समिति के तत्वावधान में गुरुवार पुष्पांजलि बैकुंठ मंदिर पर एक धर्म संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मॉरीशस से आए विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने ब्रज के संतों, धर्माचार्यों और विद्वतजनों से भेंटकर सनातन धर्म, संस्कृति, सभ्यता व भगवद भक्ति के बारे में जाना पहचाना। मॉरीशस से आए प्रतिनिधिमंडल ने जब धर्माचार्यों से राम व कृष्ण की संस्कृति को जाना तो वह गदगद हो गए।

स्वामी गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि जब दो देश आपस में मिलते हैं, मैत्री करते हैं। तब आनंद व परस्पर प्रेम का भाव उत्पन्न होता है। मॉरीशस और भारत का संबंध वर्षों पुराना है, जिसका हमेशा आधार स्तंभ भगवद भक्ति ही रही।

मुख्य अतिथि एनयूजेआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व ब्रज प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ कमलकांत उपमन्यु एडवोकेट ने कहा कि किसी भी देश की संस्कृति और सभ्यता उसकी विश्वव्यापी पहचान होती है। भारत की संस्कृति भक्ति, आध्यात्म और सनातन धर्म से परिपूर्ण वो संस्कृति है। जैसे सदैव पूरे विश्व की लोग आत्मसात करने के लिए लालायित रहते हैं।

भागवताचार्य बद्रीश महाराज ने कहा कि मॉरीशस वर्षों से भारत का अभिन्न मित्र रहा है, क्योंकि दोनों देशों की संस्कृति और सभ्यता एक दूसरे की पूरक रही है।

डॉ गिरीश गुप्ता ने बताया कि मॉरीशस से 14 सदस्यीय विदेशी अतिथियों का आगमन हुआ है। यह 14 लोग भारत की संस्कृति, सभ्यता, सनातन धर्म, आध्यात्म का प्रचार-प्रसार मॉरीशस में करेंगे।

इससे पूर्व मॉरिशस से आए प्रतिनिधिमंडल ने धर्मनगरी के विभिन्न मंदिर देवालयों के दर्शन कर करीब से ब्रज की संस्कृति के साथ वसुधैव कुटुंबकम की परपंरा को जाना। इसके अलावा ब्रज के खान-पान का पारंपरिक स्वाद लिया।

इस अवसर पर बीबी रसीदा, रवीन्द्र पाटपुर, सबेरा अब्बास ममोदे, गुरचरण दुखित लोअर, रवीन्द्रनाथ गोपॉल, सुप्रमण्येन पाडियाची गौंडन, गुइरधर्री जुग्गेसुर, तेजमुन लल्लू, जयलाल मत्तारूआ, राज ताराचंद रिवियेर, हैरीडियो हर्दयाल, महेंद्रलाल रामदास, बीजाउंटी माला, डॉ विवेक प्रिय आर्य, डॉ नवीन पट्टु, गिरधारी, ईश्वरचंद्र रावत, दीपक गोयल, विनोद दुबे आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित/आकाश

   

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