स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सांस्कृतिक एवं सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन

हरिद्वार, 12 जनवरी (हि.स.)। हरिद्वार स्थित एसएमजेएन पीजी कॉलेज के सभागार में शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, सड़क सुरक्षा सप्ताह तथा स्वामी विवेकानंद के विचारों का स्मरण एवं मंचन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज, विधायक आदेश चौहान, प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार बत्रा एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. शिव शंकर जायसवाल, सीओ ट्रैफिक राकेश रावत आदि ने किया।

कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि काशी में प्रवास के दौरान जब स्वामी जी के ऊपर बंदरों का हमला हुआ तो किसी संन्यासी ने उनसे कहा कि भागो नहीं, बल्कि सामना करो। इस विचार का स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर गहरा प्रभाव हुआ।

विधायक आदेश चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार वर्तमान समय में भी पूर्णतः प्रासंगिक है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि स्वामी विवेकानंद ने सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।

डॉ एसएस जायसवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद के समस्त विचारों का मूल पूर्व और पश्चिम के बीच संयोजन है। उन्होंने कहा कि पश्चिम के पास तकनीक और पूंजी है, जबकि भारत के पास धर्म और नैतिकता है। यदि पश्चिम की तकनीक का भारत को विकसित करने में प्रयोग किया जा सके और भारत के आध्यात्मिकता का पश्चिम को नैतिकीकरण करने के लिए प्रयोग किया जा सके तो इससे मानवता का कल्याण होगा।

प्राचार्य प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा ने विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि विवेक का अर्थ ऐसा फैसला जो सोच समझकर लिया जाए विवेक कहलाता है और जहां विवेक हो वहां आनंद का वास होता है। डॉ बत्रा ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद के विचारों को पढ़ने के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र

   

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