कांकेर : भाजपा नेता असीम राय हत्याकाण्ड में शामिल 11 आरोपित गिरफ्तार, एक फरार

कांकेर, 12 जनवरी (हि.स.)। जिले के पखांजूर थाना क्षेत्र में 07 जनवरी को भाजपा नेता असीम राय की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जिस पर थाना पखांजूर में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। कांकेर पुलिस की गठित एसआईटी ने आज शुक्रवार को असीम राय हत्याकाण्ड में शामिल 11 आरोपितों हिरासत में लिया है। वहीं एक आरोपित फरार है।

एसआईटी ने बप्पा गांगुली निवासी वार्ड नंबर 06 पखांजूर, विकास पाल निवासी पीव्ही 31 हरिहरपुर, सोमेन्द्र कुमार मंडल नया बाजार पखांजूर, नीलरतन मंडल प.व्ही. 125 बैकुण्ठपुर, जयंत विश्वास साकिन पी.व्ही. 17 रविन्द्रनगर, रीपन सदियाल साकिन पी.व्ही. 36 चांदीपुर, सुरजीत बाला साकिन पीव्ही. 36 चांदीपुर, सुमीत मांझी साकिन पी.व्ही. 36 चांदीपुर, तपन मंडल साकिन पी.व्ही. 36 चांदीपुर, जितेन्द्र बैरागी साकिन पी.व्ही. 28 चांदीपुर, गोपी दास निवासी पी.व्ही. 121 को गिरफ्तार किया है। एक फरार हत्या का आरोपित शूटर विकास तालुकदार की गिरफ्तारी के लिये संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। इस हत्या की योजना में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, इसलिये आपराधिक षड्यंत्र के प्रत्येक पहलू की पुलिस बारीकी से छानबीन और विवेचना कर रही है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार संवेदनशील हत्याकांड के मामले में आरोपितों की त्वरित गिरफ्तारी हेतु बस्तर आईजी सुंदरराज पी. के द्वारा कांकेर उप पुलिस महानिरीक्षक बालाजी राव एवं कांकेर एसपी दिव्यांग पटेल के निर्देशन में एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी द्वारा आरोपितों की पहचान हेतु पूरे पखांजूर शहर का सीसीटीव्ही का एवं मोबाइल कॉल डिटेल्स का अवलोकन किया तथा सैकड़ों गवाहों एवं संदेहियों से पूछताछ की, जिससे हत्या के पूरे मामले में इस प्रकार के तथ्य सामने आये हैं।

नगर पंचायत पखांजूर अध्यक्ष बप्पा गांगुली, पार्षद विकास पाल एवं जितेन्द्र बैरागी को असीम राय से व्यक्तिगत दुश्मनी थी। बप्पा गांगुली का अध्यक्ष पद जा सकता था। विकास पाल का अवैध लॉज टूट सकता था, और जितेन्द्र बैरागी का उसके गांव में व्यक्तिगत दुश्मनी थी, तीनों ने मिलकर भाजपा नेता असीम राय को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई, जिसमें बप्पा गांगुली और विकास पाल ने पैसों का इंतजाम एवं योजना की जिम्मेदारी लिया वहीं जितेन्द्र बैरागी को रेकी का काम दिया गया।

जितेन्द्र बैरागी ने अपने साथी तपन मंडल, सुमीत मांझी के साथ मिलकर रेकी किया एवं शार्प झूटर के लिये सुरजीत और रीपन से सम्पर्क किया। दोनों ने इस काम के लिये सहमति दी और अपने साथी जयंत, नीलरतन एवं विकास तालुकदार को काम सौंपा। बप्पा गांगुली और विकास पाल ने सोमेन्द्र मंडल के माध्यम से पैसा करीब सात लाख रुपये नीलरतन को भेजा, जिसने उक्त पैसों से करीब एक लाख रुपये का पिस्टल खरीदा तथा बाकी रकम आरोपितों में बांटा गया। जिसके बाद विकास तालुकदार ने अपने साथी गोपी दास के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। गोपी दास मोटरसाइकिल चला रहा था एवं विकास तालुकदार ने मृतक को पीछे से 7.65 एमएम पिस्टल से गोली मारी।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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