युवा पीढ़ी में सद्गुणों का समावेश अत्यंत आवश्यक : प्रो. सीमा सिंह

- सकारात्मक विचार राष्ट्र को प्रगति पर ले जाते हैं : परीक्षा नियंत्रक

- मुक्त विवि ने राष्ट्रीय युवा दिवस पर विवेकानंद को किया याद

प्रयागराज, 12 जनवरी (हि.स.)। आज हमें स्वामी विवेकानंद के चिंतन को आत्मसात करने की आवश्यकता है। उनके विचारों के प्रवाह ने संसार की दिशा को बदल दिया। उनकी स्मरण शक्ति अत्यंत प्रखर थी। वर्तमान युवा पीढ़ी में सद्गुणों का समावेश अत्यंत आवश्यक है।

उक्त विचार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने व्यक्त किये। राष्ट्रीय युवा दिवस पर उन्होंने सर्वप्रथम स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। तत्पश्चात कुलपति ने सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार भारतीयता और आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत थे। उनके शिक्षा दर्शन का आधार भारतीय दर्शन और उपनिषद था। उन्होंने कहा कि सामान्य तथा आध्यात्मिक ज्ञान मनुष्य के मन में है। आज ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है जिससे चरित्र निर्माण हो। युवाओं के मस्तिष्क की शक्ति में वृद्धि हो तथा बुद्धि का विकास हो।

परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने देश को नई दिशा दी। उनके विचारों को लेकर हम आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि सकारात्मक विचार राष्ट्र को प्रगति पर ले जाते हैं। जीवन में विचारों का होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आह्वान किया कि एक विचार मन में संकल्प के सपने का आना चाहिए। वह विचार राष्ट्र के उन्नयन का होना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित

   

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