करुणा अभियान: मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद में वाइल्ड लाइफ केयर सेंटर का निरीक्षण किया

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-राज्यभर में 900 से अधिक पक्षी उपचार केन्द्र, 750 से अधिक पशु चिकित्सक अभियान में शामिल

अहमदाबाद, 13 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल 10 से 20 जनवरी 2024 तक उत्तरायण पर्व के दौरान पतंग की डोर से पक्षियों को घायल होने से बचाने और घायल पक्षियों के उपचार के लिए चल रहे राज्यव्यापी करुणा अभियान अंतर्गत शनिवार को अहमदाबाद में बोडकदेव क्षेत्र में कार्यरत वाइल्ड लाइफ केयर सेंटर पहुँचे। पटेल ने वाइल्ड लाइफ केयर सेंटर में ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी, एक्सरे रूम तथा सेंटर द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन्य जीव फोटोग्राफ एग्जीबिशन को भी देखा।

वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन नित्यानंद श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तरायण पर्व पर घायल पक्षियों को बचाने का यह अभूतपूर्व अभियान है। वर्ष 2017 से चल रहे इस अभियान में अब तक हजारों घायल पक्षियों के प्राण बचाए गए हैं। 10 से 20 जनवरी तक चल रहे इस अभियान को सफल बनाने के लिए पशुपालन, वन विभाग, महानगर पालिकाएँ तथा विभिन्न स्वैच्छिक संस्थाएँ सहभागी बने हैं। मुख्यमंत्री की इस मुलाकात के दौरान अहमदाबाद की महापौर प्रतिभा जैन, विधायक, पार्षद तथा वन उप संरक्षक, वन विभाग के अन्य अधिकारी, करुणा अभियान से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, स्वयंसेवक और छात्र उपस्थित रहे।

उत्तरायण पर्व के दौरान पतंग की डोर से किसी भी पशु-पक्षी को घायल होने से बचाने की पूरी सतर्कता के साथ गत 10 जनवरी से आगामी 20 जनवरी तक राज्यव्यापी करुणा अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान राज्य में प्रतिदिन सुबह 7 से शाम 6 बजे तक सभी तहसीलों में वन विभाग द्वारा नियंत्रण कक्ष कार्यरत किए गए हैं। वन विभाग ने ‘जियो, जीने दो और जीने में सहायता करो’ की दया भावना के साथ इस वर्ष भी उत्तरायण पर्व के दौरान घायल होने वाले पक्षियों की त्वरित उपचार व्यवस्था के लिए व्हॉट्सएप नंबर तथा वेबसाइट भी कार्यरत किए हैं।

व्हॉट्सएप नंबर 8320002000 पर मैसेज या मिस्ड कॉल करने पर एक लिंक प्राप्त होगी और वेबसाइट पर क्लिक करने पर जिला पक्षी उपचार केन्द्रों का विवरण प्राप्त होगा। इतना ही नहीं, वन विभाग के हेल्पलाइन नंबर 1926 तथा पशुपालन विभाग के हेल्पलाइन नंबर 1962 पर घायल पक्षियों के उपचार के लिए सहायता प्राप्त की जा सकेगी। उत्तरायण के दौरान यदि कोई पक्षी घायल हो, तो उसके उपचार के लिए राज्यभर में इस वर्ष 900 से अधिक पक्षी निदान-उपचार केन्द्र, 700 से अधिक पशु चिकित्सक और 7700 से अधिक सेवाभावी स्वयंसेवक सेवारत रहने वाले हैं। उत्तरायण जैसे त्योहारों तथा लोकोत्सवों के दौरान मूक जीवों की चिंता कर उनके उपचार-सुश्रुषा का यह करुणा अभियान गुजरात की विशिष्ट पहल है। गत वर्ष कुल 13008 पक्षियों को रेस्क्यू किया गया था।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/संजीव

   

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