शंखनाद के साथ गूंजे जय श्रीराम के जयकारे, माँ पंहूज नदी की उतारी महाआरती

मां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथिमां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथिमां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथिमां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथिमां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथिमां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथिमां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथिमां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथिमां पंहूज नदी की आरती उतारते आयोजक व अतिथि

झांसी,19 जनवरी(हि. स.)। दुर्गा उत्सव महासमिति के तत्वावधान में शुक्रवार की सायं शंखनाद व घंटे घड़ियालों के मधुर स्वरों के बीच माँ पंहूज (प्राचीन नाम पुष्पावती ) नदी की भव्य महाआरती हुई। इस दौरान जय श्रीराम के जयकारे लगाये गए और लोगों ने दीपोत्सव मनाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया। गंगा संरक्षण अभियान एवं अयोध्या धाम में श्री राम जन्मभूमि पर बने भव्य मन्दिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में हुए भव्य कार्यक्रम में काशी के विद्वान व झांसी के समस्त धर्मगुरु शामिल हुए।

नंदनपुरा स्थित मा पंहूज नदी के घाट पर शाम साढ़े पांच बजे से श्री राम की महिमा के मधुर भजन कलाकारों ने गाये और श्री गणेश वंदना की। कलाकारों ने भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रुप में तथा सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलियुग पर आधारित आकर्षक नृत्य किया। इस दौरान घाट पर दीप प्रज्वलित किये गये। सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात भक्ति भाव से पंहूज नदी की महाआरती की गयी।

मुख्य अतिथि सांसद अनुराग शर्मा, अति विशिष्ट अतिथि पुलिस उप महानिरीक्षक कलानिधि नैथानी, विशिष्ट अतिथि सदर विधायक रवि शर्मा, जिलाधिकारी अविनाश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस, नगर आयुक्त सत्य प्रकाश, अपर जिलाधिकारी वरुण पाण्डेय, झांसी विकास प्राधिकरण सचिव उपमा पाण्डेय, समाज सेविका अनुराधा शर्मा रही। अध्यक्षता मण्डलायुक्त डा. आदर्श सिंह ने की।

कार्यक्रम संयोजक पीयूष रावत ने कहा कि कलियुग में श्री राम नाम की महिमा अपरंपार है। उन्होंने कहा जल हमें जीवन देता है। इसलिए जल की प्रमुख स्रोत नदियों को पवित्र मान कर उनकी पूजा-अर्चना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कार्यक्रम का संचालन नीति शास्त्री ने किया।

दुर्गा उत्सव महासमिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम स्वामी, कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, महामंत्री विनोद अवस्थी,संरक्षक इंजीनियर रविकांत दुबे, गोकुल दुबे, सीताराम यादव,रोहित पांडे, कम्मू तिवारी, वीरेन्द्र राय, हर्ष वाधवा, पुरुषोत्तम अग्रवाल, महेश सराफ, मैथिली शरण मुदगिल ने महाआरती की और बताया कि पहूज नदी की उत्पत्ति झांसी के समीप मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ ज़िले की पहाड़ियों में होती है। इस नदी का प्राचीन नाम पुष्पावती है। यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की राज्य-सीमा पर बहती है।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश

   

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