टर्नकी माध्यम से जारी किये गए कृषि विद्युत कनेक्शनों में हुए भ्रष्टाचार की होगी जांच - ऊर्जा राज्यमंत्री

जयपुर, 29 जनवरी (हि.स.)। ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय टर्नकी माध्यम से जारी किए गए कृषि विद्युत कनेक्शनों में ठेकेदार के माध्यम से विद्युत तंत्र स्थापित करने से लागत में 30 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सरकार द्वारा इस भ्रष्टाचार की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ऊर्जा राज्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कृषि कनेक्शन आवेदक को मांग पत्र जारी किया जाता है, मांग पत्र जमा कराते समय विभाग आवेदक से यह विकल्प भरवाता है कि तार, खंभे आदि लगाने में ठेकेदार से वह स्वयं के स्तर पर काम करवाना चाहता है अथवा विद्युत निगम द्वारा। उन्होंने बताया कि अगर आवेदक विद्युत तंत्र स्थापित स्वयं के स्तर पर करवाना चाहता है तो निगम द्वारा तार, खंभे उपलब्ध करवा दिए जाते हैं तथा लेबर रेट के लिए प्रति मजदूर 700 रुपये का भुगतान डिस्कॉम द्वारा कर दिया जाता है।

नागर ने बताया कि अगर आवेदक विद्युत तंत्र स्थापित करने का कार्य निगम द्वारा करवाने का विकल्प भरता है तो निगम द्वारा या तो एक साथ केन्द्रीयकृत खरीद कर ठेकेदार को सामान उपलब्ध करवा दिया जाता है तथा केवल मजदूरी का भुगतान ठेकेदार को किया जाता है। निगम द्वारा पूर्ववर्ती सरकार के समय से शुरू हुए तीसरे विकल्प टर्नकी में समस्त सामान अथवा भुगतान ठेकेदार के माध्यम से ही करवाया जाता है जिससे विद्युत तंत्र स्थापित करने की दरों में 30 से 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है तथा भ्रष्टाचार बढ़ा है।

इससे पहले विधायक जुबेर खान के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में ऊर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि कृषि कनेक्शन नीति-2017 (संशोधित 31 जनवरी 2022 तक) में वर्णित प्रावधानानुसार मांगपत्र जमा कराते समय कृषि कनेक्शन आवेदक के पास यह विकल्प होता है कि उसके कनेक्शन के लिये स्थापित होने वाले विद्युत तंत्र की स्थापना अनुमोदित संविदाकार से वह स्वयं के स्तर पर करवाना चाहता है अथवा विद्युत निगम द्वारा करवाना चाहता है। उन्होंने बताया कि विद्युत वितरण निगमों द्वारा कृषि कनेक्शन जारी किये जाने के लिए करवाये जाने वाले कार्य टर्नकी माध्यम से तथा लेबर रेट हेतु पंजीकृत ठेकेदारों के माध्यम से निर्धारित एआरसी दरों पर करवाये जाते हैं।

नागर ने बताया कि टर्नकी माध्यम से जारी किये जाने वाले कृषि विद्युत कनेक्शनों हेतु आवश्यक सामान जैसे तार, ट्रांसफार्मर, केबल इत्यादि अधिकृत ठेकेदार द्वारा उपलब्ध कराये जाते हैं तथा एआरसी के तहत लेबर रेट पर पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा किये जाने वाले कृषि विद्युत कनेक्शन हेतु आवश्यक सामान विद्युत वितरण निगमों द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि विद्युत वितरण निगमों की मेटेरियल मैनेजमेन्ट शाखा द्वारा केन्द्रीयकृत क्रय प्रक्रिया के माध्यम से सामान का प्रबंध किया जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप

   

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