महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि के साथ मनाया गया भारतीय समाचार पत्र दिवस

अररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवसअररिया फोटो:महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि और भारतीय समाचार पत्र दिवस

अररिया 29 जनवरी(हि.स.)।फारबिसगंज के तिरसकुंड प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला मधुरा में स्कूली बच्चों ने सोमवार को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि के साथ भारतीय समाचार पत्र दिवस मनाया। इस अवसर पर महाराणा प्रताप के तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान शिक्षक कुमार राजीव रंजन ने बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कंभलगढ दुर्ग में हुआ था।उनके माता जयवंत बाई और पिता उदय सिंह थे। उनको बचपन में फीका कह कर बुलाया जाता था।महाराणा प्रताप उन चुनिंदा शासको में एक है जिनकी वीरता शौर्य और पराक्रम के किस्से और संघर्ष के गाथा सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।अमर राष्ट्र नायक दृढ़ प्रतिज्ञा और स्वाधीनता के लिए जीवन भर मुकाबले के लिए जीवन भर प्रयासरत रहे।उन्हें जंगल में घास की रोटी खाना मंजूर था, पर अकबर की प्रलोभन भरी अधीनता कतई स्वीकार नहीं था।इस प्रकार 57 वर्ष की आयु में 29 जनवरी 1597 को उनकी मृत्यु हो गई। इस अवसर बच्चों ने महाराणा प्रताप अमर रहे एवं आधी रोटी खाएंगे फिर भी स्कूल जाएंगे कि गगन भेदी नारे लगाए।

चेतना सत्र दिवस ज्ञान अंतर्गत भारतीय समाचार पत्र दिवस के मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधान शिक्षक कुमार राजीव रंजन ने कहा कि इस दिन को अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।क्योंकि यह वह दिन है जब भारत में पहली बार समाचार पत्र प्रकाशित हुआ था। बता दें कि 29 जनवरी 1780 ई. को ब्रिटिश राज के तहत जेम्स आगस्त हिक्की द्वारा द बंगाल गजट नाम के अखबार प्रकाशित किया गया था। बच्चों ने बच्चों के द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर भारत समाचार पत्र दिवस लिख भारत समाचार पत्र दिवस मनाया।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा

   

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