ममता ने फिर उगला बीएसएफ के खिलाफ जहर, लोगों से कहा : फोर्स अगर आईडी कार्ड दे तो बिल्कुल नहीं लेना

कोलकाता, 29 जनवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य में भारत-बांग्लादेश सीमा के करीब के गांवों के निवासियों से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा प्रदान किए गए पहचान पत्र स्वीकार नहीं करने को कहा। मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश की सीमा से सटे कूचबिहार में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान यह चेतावनी जारी की, जहां उन्होंने दावा किया कि बीएसएफ से आईडी कार्ड स्वीकार करने वाले लोग राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दायरे में आ सकते हैं। उन्होंने कहा, ''मुझे जानकारी मिली है कि बीएसएफ सीमावर्ती गांवों के निवासियों को पहचान पत्र प्रदान करने की कोशिश कर रहा है। इन कार्डों को स्वीकार न करें। अगर आप इन्हें स्वीकार करते हैं तो आप एनआरसी के दायरे में आ सकते हैं। हर कोई समझता है कि वास्तव में एनआरसी के खिलाफ आंदोलन का संचालन कौन कर रहा है।''

उन्होंने कहा कि वह मुख्य सचिव, जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस अधीक्षकों को इस मामले को देखने का निर्देश देंगी। मुख्यमंत्री ने सावधानी का नोट जारी करते हुए 2011 में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के दिन कूचबिहार जिले में केंद्रीय बलों की गोलीबारी में कुछ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या को भी जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हत्याओं के पीछे के सभी लोग जमानत पर रिहा हो गए हैं। मुझे उस पर कड़ी आपत्ति है। हत्यारों को जमानत मिलना खतरनाक मिसाल है। भविष्य में हत्या करने वाला कोई भी व्यक्ति आसानी से जमानत पर रिहा हो जाएगा।

बनर्जी ने यह भी कहा कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले फिर से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उन लोगों को नई नागरिकता कैसे दी जा सकती है जो इतने सालों से पहले ही वोट डाल चुके हैं? हम पहले ही पश्चिम बंगाल में शरणार्थी के रूप में आने वाले लोगों को नागरिकता दे चुके हैं। उनके लिए कालोनियां भी बसाई गई हैं। वे राज्य सरकार की सभी विकास योजनाओं के लाभ के हकदार हैं। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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