बाल विवाह के आरोपित को 20 वर्ष की कैद एवं 10 हजार रुपये का जुर्माना

चिरांग (असम), 02 फरवरी (हि.स.)। चिरांग जिला के काजलगांव सत्र न्यायाधीश की विशेष अदालत ने आज बाल विवाह के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

सत्र न्यायाधीश चंद्रांशु चतुर्वेदी की अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपित को 20 साल की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

ज्ञात हो कि वर्ष 2023 में, जब असम सरकार ने राज्य भर में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया था तो उसी कड़ी में सिदली पुलिस स्टेशन के गरुभाषा पुलिस चौकी के अंतर्गत जुइलगा गांव निवासी सैमुअल हासदा के पुत्र प्रबिशन हासदा (22) को बाल विवाह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

काजलगांव के सत्र न्यायाधीश की विशेष अदालत ने प्रोबिसन हासदा के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने के एक साल के भीतर ही यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

फैसले में अतिरिक्त एक वर्ष के लिए 10 हजार रुपये के अवैतनिक कारावास का उल्लेख किया गया।

लोक अभियोजक नंदिता बसुमतारी ने सुनवाई के दौरान पीड़ित की ओर से अदालत में बहस की।

हिन्दुस्थान समाचार/ श्रीप्रकाश/अरविंद

   

सम्बंधित खबर