साहिब बंदगी के सद्गुरु ने भक्तों को दिए अनमोल प्रवचनों का आशीर्वाद

जम्मू, 4 फ़रवरी (हि.स.)। साहिब बंदगी के सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने रविवार को रखबंधु, जम्मू में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा से संगत को निहाल करते हुए कहा कि जब नाम की ताकत मनुष्य के अन्दर आ जाती है तो उसका हृदय प्रकाशित हो जाता है। फिर उसे उचित अनुचित बताने की जरूरत नहीं है। उसे खुद-ब-खुद अन्दर से नाम की ताकत बताती चलती है। तामस भोजन, बासी भोजन खाने से बुद्धि कुंद होती है। मांसाहार तमोगुणी भोजन है। बासी भोजन भी तमोगुणी है। जैसा भोजन करेंगे, वैसी बुद्धि बनेगी। आहार का बहुत बड़ा महत्व है। आप जितने भी तमोगुणी चिंतन करेंगे, उससे भी अंतःकरण मलिन होता जायेगा। इसलिए चिंतन नाम का हो। जब नाम अंतःकरण में नाम आ जायेगा, तो वो बताता चलेगा।

जितने भी कर्म हैं, बंधनकारक हैं। कर्म करना भी है तो निष्काम भाव से करना। आत्मा कर्म से परे है। पाप और पुण्य दोनों बेढ़ियाँ हैं। सब कर्म मन के द्वारा हैं। सुमिरन ही सार है। सुमिरन में इंद्रियाँ सहयोग नहीं देंगी। ये बाहरी जगत में लगी हैं। नाम के बिना जो भी चिंतन है, सब काल का जाल है। सुमिरन में आप बस देखना कि आप एकाग्र हैं या नहीं। आप सूर्य, चाँद, तारे देखने की लालसा मत रखना, आप धुनें सुनने की लालसा मत रखना। सब माया है। आप मन को पकड़कर एकाग्र होना। मन की कल्पनाओं पर नियंत्रण करना। नाम के अलावा जो भी चिंतन आपके अन्दर आ रहा है, वो मन है। इस सुरति को हमेशा संभालना। मन इसे संसार में उलझाता रहता है। बेकार बातें आपको याद आती रहती हैं, जिनका कोई मतलब नहीं है। पल की खबर नहीं है, पर मनुष्य कल्पांतर की आशा रखता है।

हर स्वांस में नाम का सुमिरन करना। सात समुद्र पार आपका बेटा बैठा है और आप उसको देख भी रहे हैं और सुन भी रहे हैं। जब मनुष्य ने ऐसे यंत्र बनाए हैं तो उस सर्वशक्तिमान के पास तो बहुत शक्ति है। आप जो भी प्रभु को प्रार्थना करते हैं, वो वहाँ तक जाती है। आपकी आत्मा में यह ताकत है। मुसलमान भी नमाज अदा करते हैं तो उनको भरोसा रहता है कि खुदा उनकी प्रार्थना सुन रहा है। ईसाई भी मान रहे हैं कि उनकी प्रार्थना प्रभु तक पहुँच रही है। हम सब हिंदु लोग भी आरति करते हैं। आर्त पीड़ित को कहते हैं। यह परेशान की सामुहिक प्रार्थना होती है। आप अपनी समस्या लेकर डी.सी. के पास जाते हैं तो वो सुनता है। पर जब सब लोग इकट्ठा होकर जाते हैं तो उसे सुननी ही सुननी है। इस तरह जब अनेको लोग इकट्ठा होकर प्रभु को प्रार्थना करते हैं तो एक शक्ति होती है। वो प्रार्थना वहाँ पहुँचती है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

सम्बंधित खबर