बराक घाटी को बांग्लादेश बनाने की कोशिश करने वालों को चाय जनगोष्ठी उन्नयन मंच ने दी चेतावनी

सिलचर (असम), 6 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रभाषा चाय जनगोष्ठी उन्नयन मंच ने बराक घाटी को बांग्लादेश बनाने की कोशिश करने वालों को चेतावनी दी है।

मंच के मुख्य संयोजक दिलीप कुमार ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि कुछ लोग बराक घाटी को असम से अलग करके एक नया बांग्लादेश बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चाय जनगोष्ठी के लोग इस कोशिश को किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने देंगे। कुमार ने इंडियन टी एसोसिएशन के अध्यक्ष ईश्वर भाई उवाडिया के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि चाय बागान की जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण का कार्य चल रहा है। तथाकथित बांग्लादेशी घुसपैठियों ने बराक घाटी के कई चाय बागानों की अधिकांश जमीन पर कब्जा कर लिया है।

इस संबंध में उन्होंने उदाहरण के रूप में बताया है कि करीमगंज जिले के चरगोला चाय बागान, बुबरी घाट चाय बागान, हैलाकंदी का मोनाछोड़ा चाय बागान, सरसपुर चाय बागान, चंडीपुर चाय बागान तथा कछार के हाथीछोड़ा चाय बागान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बराक घाटी में जो अवैध घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशियों के समर्थक हैं, उन्हें उवाडिया की बात से तकलीफ हो रही है।

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का खाना और बांग्लादेश का गाना यहां नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इस मुद्दे पर चाय जनगोष्ठी के लोग सड़क पर उतरने से पीछे नहीं हटेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/सुनील

   

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