उत्तराधिकारी महंत नियुक्त किए गए स्वामी ब्रह्मानंद महाराज

-संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता हैः ऋषिश्वरानंद

हरिद्वार, 07 फ़रवरी (हि.स.)। श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन स्वामी महानंद अवधूत महाराज संत शिरोमणि थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

भूपतवाला स्थित ब्रह्मविभु मंदिर निरपेक्ष सन्यास आश्रम में ब्रह्मलीन महानंद अवधूत महाराज की श्रद्धांजलि सभा में सभी अखाड़ों के संतों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए एक महान संत बताया। इस अवसर पट्टाभिषेक के दौरान संत समाज ने ब्रह्मलीन महानंद अवधूत महाराज के शिष्य स्वामी ब्रह्मानंद को तिलक चादर भेंट कर महंताई प्रदान की।

स्वामी शिवानंद महाराज की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि स्वामी ब्रह्मानंद महाराज विद्वान एवं तपस्वी संत है। जिनके अनुभव में आश्रम से संचालित सेवा प्रकल्पों में निरंतर बढ़ोतरी होगी।

अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास एवं बाबा हठयोगी महाराज ने कहा कि योग्य गुरु को सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। ब्रह्मलीन स्वामी महानंद अवधूत महाराज त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रति मूर्ति थे। हमें आशा है कि उनके बताएं मार्ग का अनुसरण कर संतों की सेवा करते हुए स्वामी ब्रह्मानंद महाराज राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता को बहुमूल्य रूप से सुनिश्चित करेंगे।

नवनियुक्त महंत स्वामी ब्रह्मानंद महाराज ने कहा कि जो दायित्व संत समाज द्वारा उन्हें सौंपा गया है उसका वह पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे।

इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि, महंत सुतिक्षण मुनि, महंत दुर्गादास, योगी आशुतोष, महंत जयेंद्र मुनी, महामंडलेशवर स्वामी गंगादास, स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत दिनेश दास, महंत जगजीत सिंह, महंत मोहन सिंह, महंत गोविंद दास, मीरा स्वामी, सुखदेव, श्रोत मुनी सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/रामानुज

   

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