फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 10 फरवरी से, सभी तैयारियां पूरी

कटिहार, 08 फरवरी (हि.स.)। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। गुरुवार को सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि 10 फरवरी से शुरू हो रहे फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रथम तीन दिनों तक जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों, कॉलेजों, कार्यालयों तथा विभिन्न प्रकार के संस्थानों में दल बनाकर दवा खिलाने तथा चौथे दिन से प्रत्येक ड्रग एडमीनिस्ट्रेटर को घर-घर जाकर दो वर्ष से उपर के गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रोग से ग्रसित मरीज को छोड़कर सभी को एल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवा खिलाई जाएगी। जिसमें 02 से 05 वर्ष तक के बच्चे को डीईसी 100 एमजी की एक गोली व एल्बेंडाजोल 400 एमजी की एक गोली, 05 वर्ष से 15 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी 200 एमजी की दो गोली व एल्बेंडाजोल 400 एमजी की एक गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के लोगों को डीईसी 300 एमजी की तीन गोली व एल्बेंडाजोल 400 एमजी की एक गोली खिलाई जाएगी।

डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रमण रोग है, जिसे सामान्यतः हांथीपाव नाम से जाना जाता है। फाइलेरिया की दवा परजीवियों को मार देती है। मरते हुए परजीवियों के प्रतिक्रिया स्वरूप कभी-कभी सरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी तथा बदन पर चकते जैसी मामूली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, यह लक्षण स्वतः ठीक हो जाता है।

सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में कुल 3002 लोगों में फाइलेरिया बीमारी की लक्षण पाया गया है। जिसमें बलरामपुर प्रखंड में 43, कुर्सेला में 59, मनिहारी में 98, मनसाही में 110, अमदाबाद में 112, हसनगंज में 113, बारसोई में 118, आजमनगर में 121, कटिहार सदर में 151, प्राणपुर में 185, कटिहार अर्बन में 192, समेली में 200, फलका में 215, कदवा में 285, डंडखोरा में 305, बरारी में 343 तथा कोढ़ा प्रखंड में 352 मरीज शामिल है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिले में कुल 1727 टीम एवं 159 सुपरवाइजर को लगाया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/विनोद/चंदा

   

सम्बंधित खबर