खादी व ग्रामोद्योग कामगार सशक्त तो देश सशक्त - मनोजकुमार

उदयपुर, 09 फ़रवरी (हि.स.)। खादी व ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोजकुमार ने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योगों से जुड़े कामगारों के आत्मनिर्भर और सशक्त बनने पर ही सशक्त देश की परिकल्पना साकार हो सकती है। केंद्र की मोदी सरकार पिछले 10 वर्षों में इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। मोदी सरकार की गारंटी’ ने खादी उत्पादों की ग्लोबल ब्रांडिग की है।

केवीआईसी अध्यक्ष शुक्रवार को चित्रकूट नगर स्थित सामुदायिक भवन परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत अभियान’से ग्रामीण भारत के कुशल कारीगरों को जोड़ने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित खादी संवाद और लाभ वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में आयोग के उत्तर क्षेत्र सदस्य नागेंद्र रघुवंशी, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, पीपलांत्री मॉडल के जनक पद्मश्री डॉ श्यामसुंदर पालीवाल, पूर्व विधायक धर्मनारायण जोशी, आयोग के उत्तर जोन के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी गुप्ता, सुनीता भण्डारी बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन रहे। प्रारंभ में केवीआईसी राजस्थान के निदेशक डॉ राहुल मिश्र, सहायक निदेशक डीसी सिंघल, सुदर्शनकुमार, सुनील सक्सेना, उत्तम बर्मन आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।

आयोग अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और प्रयासों से कारीगरों को आधुनिक ट्रेनिंग और टूलकिट प्रदान किया जा रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आज यहां पर केवीआईसी के उत्तर और मध्य जोन के 1977 पीएमईजीपी लाभार्थियों के खाते में 100 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी ऑनलाइन माध्यम से हस्तांतरित की गयी है। इसके माध्यम से जहां उत्तर जोन में 559 नयी यूनिटें लगी हैं वहीं मध्य जोन में 1418 नयी यूनिटों की स्थापना हुई है। अध्यक्ष केवीआईसी ने आगे बताया कि इन यूनिटों के माध्यम से इन दोनों जोन में 21747 नये रोजगार का सृजन हुआ है, जबकि राजस्थान के 2805 लोगों को नौकरी मिली है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कुल 158 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं। वर्ष 2022-23 में इन संस्थाओं ने लगभग 149.50 करोड़ रुपये का उत्पादन और लगभग 243.50 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की। इसके माध्यम से यहां पर 30 हजार से अधिक खादी कारीगरों को रोजगार प्रदान किया गया। इसी तरह से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत राजस्थान में अबतक 30,215 नई इकाइयों की स्थापना की गई जिससे 2.52 लाख नए रोजगार का सृजन हुआ है। पीएमईजीपी के तरह राजस्थान में अभी तक 871.24 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण भारत सरकार ने अभी तक किया है।

कार्यक्रम में आयोग अध्यक्ष ने बटन दबाकर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत उत्तर और मध्य जोन के 1977 पीएमईजीपी लाभार्थियों के खाते में 100 करोड़ रूपए की सब्सिडी हस्तांतरित की। इसमें उदयपुर जिले के 19 लाभार्थी शामिल रहे। उक्त लाभार्थियों को अतिथियों ने सब्सिडी प्रमाण पत्र भी वितरित किए। इसके अलावा कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत चित्तौडगढ़ और भीलवाड़ा के 100 कुम्हारों को विद्युत चालित चॉक, उदयपुर के 100 कारीगरों को लेदर टूलकिट, बूंदी और बारां के 20 कारीगरों को वेस्ट वुड क्रॉफ्ट टूलकिट, टोंक के 10 कारीगरों को लेदर फुटवियर मशीन प्रदान की गई।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता कौशल/ईश्वर

   

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