फाईलेरिया (हाथीपांव) मुक्त बस्तर अभियान हेतु, 26 से 28 फरवरी तक चलेगा माप-अप-राउंड

बस्तर जिले में कुल 91 फायलेरिया मरीज हैं, जिसमें 65 लिम्फोडोमा (हांथीपांव) तथा 26 हाइड्रोसील के मरीज

जगदलपुर, 13 फरवरी (हि.स.)। जिले में फाइलेरिया मुक्ति हेतु चलाए जा रहे अभियान के तहत छूटे हुए चिन्हित लोगों को दवा सेवन कराए जाने आगामी 26 से 28 फरवरी तक माप-अप-राउंड चलाया जाएगा। जिसके तहत गर्भवती महिलाओं, 02 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों तथा गम्भीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को छोडक़र अन्य चिन्हित व्यक्तियों को फाइलेरिया से बचाव हेतु डीईसी दवा एवं एल्बेंडाजोल की गोली सेवन करायी जाएगी। इस रोग के बचाव के लिये मुफ्त में एमडीए की दवा दी जा रही है। जिसके सेवन से फाईलेरिया (हाथीपांव) से संबंधित शिकायत नहीं होगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी ने बताया कि फाईलेरिया मच्छर के के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। जिसे सामान्यत: हांथीपांव के नाम से जाना जाता है। फाईलेरिया शरीर को दुर्बल, नि:शक्त एवं कुरूप करने वाली एक बीमारी है। फाईलेरिया परजीवी संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलता है। यह बीमारी का संक्रमण आमतौर पर बचपन में ही हो जाता है। संक्रमण के बाद 05 से 15 वर्षों में हाथीपांव, हाईड्रोसील पुरुषों एवं महिलाओं के स्तन में सूजन इत्यादी के रूप में दिखाई देता है।

सीएमएचओ ने बताया कि बस्तर जिले में कुल 91 फायलेरिया मरीज हैं जिसमें 65 लिम्फोडोमा (हांथीपांव) तथा 26 हाइड्रोसील से सम्बंधित हैं। जिसके तहत विकासखण्ड तोकापाल-6, लोहण्डीगुड़ा-4, बस्तर-8, बकावण्ड-48, जगदलपुर ग्रामीण (नानगुर)-8 एवं जगदलपुर शहरी क्षेत्र में 17 मरीज चिन्हांकित किया गया है। वहीं अब तक विकासखण्ड बकावण्ड में 13 हाईड्रोसील मरीजों का सफलतापूर्वक आपरेशन किया गया है और उक्त ब्लॉक के चिन्हित 26 हाईड्रोसील मरीजों का ऑपरेशन कर जिले को हाईड्रोसील मुक्त किया जाना है।

उल्लेखनीय है कि शासन के निर्देशानुसार दिनांक 24 नवम्बर से 07 दिसम्बर 2022 तक जिले के 07 विकासखण्डों के 13 गांव एवं जगदलपुर शहर के एक वार्ड में कुल 4225 रक्तपट्टी का संकलन किया गया था, जिसमें 33 रोगियों के रक्तपट्टी में माइक्रो फाईलेरिया परजीवी पाये गये थे एवं जिले के विकासखण्ड बकावण्ड, बस्तर एवं तोकापाल में माईक्रो फाईलेरिया सकारात्मक दर 01 प्रतिशत से अधिक पाये गये थे। उक्त तीनों विकासखण्डों के सम्बन्धित ग्रामों को फाईलेरिया मुुक्ति हेतु सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत विकासखण्ड बकावण्ड, बस्तर एवं तोकापाल में कुल 935 बूथ बनाये गये हैं। जिसमें 981 आंगनबाड़ी केन्द्र के 26315 बच्चे एवं 1268 स्कूल के 78801 बच्चों एवं कालेजों के 1190 छात्र-छात्राओं का दवा सेवन कराया जाएगा। वहीं 935 दलों के द्वारा 88992 घरों में भ्रमण कर 440279 जनसंख्या का लक्ष्य रखा गया है। टीम के साथ 183 सुपरवाईजर एवं 19 सेक्टर सुपरवाइजर 18 मोबाइल टीम 23 रैपिड रिस्पांस टीम 24 एमडीए कार्नर बनाये गये हैं। अभियान के दौरान दवा खिलाने वाले दल के सदस्यों के द्वारा 10 से 15 फरवरी 2024 तक आंगनवाड़ी, स्कूल, कॉलेज एवं विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में बूथ लगा कर लाभार्थियों को दवा सेवन कराये जाने हेतु अभियान चलाया जा रहा है। वहीं 16 से 24 फरवरी 2024 तक ड्रग एडमिनीस्ट्रेटर यथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं मितानिनों द्वारा समुदाय स्तर पर गृह भेंटकर दवा का सेवन कराया जाएगा।

26 से 28 फरवरी 2024 तक छूटे हुए लाभार्थियों को मॉप-अप राउंड अंतर्गत दवा का सेवन कराया जाएगा, इस दौरान गर्भवती महिलाओं, 02 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों व गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को छोडक़र फाईलेरिया से बचाव की दवा डीईसी एवं एल्बेन्डाजोल की गोली का सेवन कराया जाएगा। इस रोग के बचाव के लिये मुफ्त में एमडीए की दवा दी जा रही है। जिसके सेवन से फाईलेरिया (हाथीपांव) से संबंधित शिकायत नहीं होगी। सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत शत-प्रतिशत फाइलेरिया की दवा सेवन कर हाथीपांव से बचाव किया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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