भ्रामक आंकड़े प्रदर्शित कर कुर्मी समाज के खिलाफ किया जा रहा षड़यंत्र : विनोद चंद्राकर

क्वांटीफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

रायपुर, 18 फ़रवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के कुल ओबीसी आबादी में कुर्मी समाज दूसरे नंबर पर आता है। प्रदेश में कुर्मियों की आबादी 16 प्रतिशत के आसपास है। लेकिन क्वांटीफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट में कुर्मी समाज को पांचवे स्थान पर बताकर समाज का मनोबल गिराने की साजिश की गई है। क्वांटीफायबल डाटा आयोग की लीक हुई रिपोर्ट में षड़यंत्र पूर्वक भ्रामक आंकड़े प्रदर्शित किए गए हैं। उक्त बातें चंद्रनाहु कुर्मी क्षत्रिय समाज के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने रविवार को उक्त रिपोर्ट की निंदा करते हुए कही। उन्होंने वास्तविक रिपोर्ट शीघ्र जारी करने की मांग की है।

चंद्राकर ने उक्त रिपोर्ट को कुर्मी समाज के खिलाफ एक साजिश करार दिया है तथा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 21 हजार गांवों में से लगभग 3250 गांवों में कुर्मियों की 27 उपजातियां निवास करती हैं। कुर्मी छत्तीसगढ़ राज्य का एक महत्वपूर्ण और ताकतवर जाति है। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर छत्तीसगढ़ में कुर्मी जाति की 16 प्रतिशत आबादी है। तथा पूरे देश में कुर्मी समाज की आबादी 40 करोड़ से अधिक है। कुर्मी समाज के राजनीतिक, सामाजिक वर्चस्व से भयभीत तत्वों द्वारा समाज के खिलाफ सोची-समझी रणनीति के तहत प्रदेश में माहाैल बनाया जा रहा है। ताकि, समाज का मनोबल गिराया जा सके। उक्त प्रदर्शित सर्वे रिपोर्ट कागजी तथा पूर्ण रूप से भ्रामक है, सर्वे का डाटा किस आधार पर तैयार किया गया है, इसका खुलासा होना चाहिए।

चंद्राकर ने कहा कि आंकड़ों के आधार पर ही सरकार द्वारा विभिन्न समाजों को राजनीतिक, सामाजिक व शैक्षणिक क्षेत्र में प्राथमिकता दी जाती है। ओबीसी जातिगत समीकरण में कुर्मी को कम बताना भी राजनीतिक साजिश का एक हिस्सा है, ताकि राजनीतिक दृष्टि से कुर्मी समाज को कमजोर किया जा सके और राजनीतिक, सामाजिक व शैक्षिणक क्षेत्र में कुर्मी समाज को पर्याप्त अवसर न मिले।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल

   

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