असंभव था श्रीराम मंदिर का निर्माण, अब राम पथ को राष्ट्र पथ की ओर ले जाएगी भावी पीढ़ी : त्रिवेंद्र

- सामाजिक शक्ति और राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही राम मंदिर का हो पाया निर्माण

- भारत ने सदियों से राम मंदिर पर लगे कलंक के टिके को देखा और उसे मिटते हुए भी देखा

- देहरादून से अयोध्या के लिए रवाना हुई आस्था ट्रेन, पूर्व सीएम और सांसद ने दिखाई हरी झंडी

देहरादून, 22 फरवरी (हि.स.)। देवभूमि देहरादून से गुरुवार को आस्था ट्रेन भाजपा कार्यकर्ता और शहर के विशिष्ट जनों को लेकर अयोध्या रवाना हुई। इस दौरान रेलवे स्टेशन जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून रेलवे स्टेशन पर रामभक्तों काे शुभकामनाएं देने के साथ हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया और रामभक्तों के लिए यह ऐतिहासिक व सौभाग्य का क्षण बताया।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि 450 वर्षों तक राजा राम टेंट में रहे। देश ने उस कलंक के टिके को देखा और 1992 में उसी कलंक के टिके को मिटते हुए भी देखा। उन्होंने उन तमाम कार सेवकों को नमन करते हुए कहा कि जिन्होंने श्रीराम मंदिर आंदोलन में अपना बलिदान दिया, आज उसका परिणाम सामने हैं। अगर सामाजिक शक्ति और राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं होती तो श्रीराम मंदिर का निर्माण असंभव था।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व भर के करोड़ों सनातनियों, रामभक्तों का सदियों पुराना सपना साकार किया है। राम मंदिर, राष्ट्र मंदिर है। अब भावी पीढ़ी राम पथ को राष्ट्र पथ की ओर ले जाएगी। साउदी में भी दिव्य मंदिर इसका जीता जगता उदाहरण है। इस दौरान टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक कैंट सविता कपूर, निगम मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, यात्रा संयोजक सीताराम भट्ट, गोविंद आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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