सतत भूजल प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

जल प्रबंधन पर कार्यशाला

हरिद्वार, 22 फरवरी (हि.स.)। एसएमजेएन कॉलेज में सतत भूजल प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केंद्रीय भूजल बोर्ड, जल शक्ति मन्त्रालय जल संस्थान के सहयोग से आयोजित कार्यशाला का में सतत भूजल प्रबन्धन के क्षेत्रीय निदेशक प्रशान्त राय ने कहा कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें भूजल के अलग अलग स्तरों का निरीक्षण चल रहा है। जिसके आधार पर सरकार भूजल सम्बन्धी योजनाओं का क्रियान्वयन करती है।

प्रशांत राय ने बताया कि वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि हरिद्वार जिले के भगवानपुर एवं बहादराबाद के जल स्तर की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि भूजल स्तर विषय पर छात्र छात्राओं को जागरूक होना पड़ेगा। क्योंकि उनके द्वारा ही अगले 30-40 वर्ष तक कार्य किया जाना है। आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी,समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा तथा ग्रीन मैन विजयपाल सिंह बघेल ने कहा कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये ही होगा।

उन्होंने बताया कि पहले हम नदी का पानी पीते थे। फिर कुएं का फिर हैडपंप का और आज बोतल का पानी पीते है। पानी को वस्तु बना दिया गया है। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में डॉ. विकास तोमर ने पीपीटी के माध्यम से उत्तराखंड तथा हरिद्वार जिले के भूजल स्तर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जल संरक्षण के लिए व्यक्तिगत स्तर पर किए जा सकने वाले उपायों की जानकारी देते हुए युवाओं को जल संरक्षण, प्रबंधन एवं संवर्धन हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम में डॉ. शिवकुमार चौहान, डॉ. मनोज कुमार सोही, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. लता शर्मा, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. मोना शर्मा, विनित सक्सेना, डॉ. सरोज शर्मा, डॉ. पुनीता शर्मा, डॉ. पल्लवी, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. रजनी सिंघल आदि ने सहभाग किया।

हिन्दुस्थान समाचार / रजनीकांत

/प्रभात

   

सम्बंधित खबर