काजरी में प्रगतिशील किसानों को दिया प्रशिक्षण

जोधपुर, 28 फरवरी (हि.स.)। पश्चिमी राजस्थान के प्रगतिशील किसानों के लिए वैज्ञानिक तकनीकियों द्वारा शुष्क क्षेत्रों की खेती में आय वृद्धि पर तीन दिवसीय पाठ्यक्रम के तहत बुधवार को दूसरे दिन भी प्रशिक्षण जारी रहा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काजरी के प्रभारी निदेशक डॉ. सुमन्त व्यास ने कहा कि सरकार की विभिन्न किसान कल्याण कृषि योजनाओं, नवीन प्रौद्योगिकियों एवं किसानों की जागरूकता के कारण शुष्क क्षेत्रों नई खेती होने लगी। कभी कल्पना भी नहीं की थी कि बाड़मेर में अनार का इतना बम्पर पैदावार होगा। आवश्यकता है किसान मार्केंटिंग का ज्ञान ले, उसमें मूल्य संवद्र्धन कर उत्पाद तैयार करें ताकि कृषि उत्पादन से आय में वद्धि हो। विभागाध्यक्ष डॉ. एसपीएस तंवर ने कहा कि पशचिमी राजस्थान में जो भी फसलें है उनमें मूल्य संवर्द्धन की अपार संभावनाएं है। किसानों को खेती में कुछ नया करने के बारे में जानकारी देंगे। किसान उत्पादक संगठन बाड़मेर के समन्वयक लक्ष्मण राम नावाद ने कहा कि नाबार्ड के वित्तिय सहयोग से किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है ताकि किसान को जो गावों में कृषि से सम्बंधित समस्याऐं एवं शंकाऐं हो प्रशिक्षण एवं वैज्ञानिकों की सलाह से उनका समाधान हो। पाठ्यक्रम आईएसएपी इण्डिया फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। पाठ्यक्रम समन्वयक डा. मंजूनाथ ने सभी का स्वागत किया एवं पाठयक्रम के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में बाड़मेर के विभिन्न गावों के 21 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। वैज्ञानिक डॉ. दिपीका होजोंग ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर

   

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