लोकसभा चुनाव : गया सीट से मांझी होंगे राजग के उम्मीदवार, राजद के सर्वजीत से होगी टक्कर

पटना, 21 मार्च (हि.स.)। मोक्ष और ज्ञान की भूमि गया लोकसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी को उम्मीदवार बनाया है। यहां मांझी का सीधा मुकाबला राजद के उम्मीदवार कुमार सर्वजीत से होगा।

गुरुवार को हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने जीतनराम मांझी को गया लोकसभा क्षेत्र से राजग का उम्मीदवार घोषित किया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पहले ही गया लोकसभा सीट के लिए पूर्व मंत्री और राजद विधायक कुमार सर्वजीत को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बुधवार की देर रात लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने कुमार सर्वजीत को पार्टी का सिंबल सौंप दिया। कुमार सर्वजीत दलित समाज से आते हैं। वहीं जीतन राम मांझी भी दलित हैं और वे मुसहर समाज से आते हैं।

जनसंख्या की बात करे तो 2011 के जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग 4,63,454 है, जबकि जिले की आबादी 43,79,383 है। गया जिला में कुल मतदाताओं की संख्या 3037947 है, जिसमें पुरुष-1578310 एवं महिला- 1459582 व अन्य 55 है। गया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमें गया नगर, बोधगया, बेलागंज, बाराचट्टी, शेरघाटी और वजीरगंज शामिल हैं। वर्तमान मे 6 विधानसभा सीट में दो सीट पर भाजपा तो तीन सीट पर राजद, वही एक सीट पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा का कब्जा है। जातीय और सामाजिक समीकरण की बात करें तो यह सीट दलित व महादलित बहुल क्षेत्र है क्योंकि गया लोकसभा क्षेत्र में केवल मांझी समाज के 2.5 लाख वोट है तो वही दलित व महादलित में आने वाले सभी जातियों की बात करें तो उनकी संख्या 5 लाख से अधिक है। यादव समाज की 2.5 लाख,भूमिहार व राजपूत 2.5 लाख वैश्य 2 लाख तो मुस्लिम 1.80 लाख है।

गया लोकसभा क्षेत्र की मुद्दे व समस्याओं की बात करें तो गया लोकसभा क्षेत्र में पेयजल और खेती के लिए सिंचाई सबसे बड़ी समस्या है। वहीं किसानों को अपने फसल बेचने के लिए बाजार की समस्या है। गया में एक भी सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल नहीं होने से बेहतर इलाज के लिये पटना या तो रांची जाना पड़ता है।

गया लोकसभा सीट पर राजग गठबंधन का दबदबा रहा है। बीते तीन बार से इस सीट पर राजग गठबंधन के ही उम्मीदवार की जीत हुई है। 2009,2014 के चुनाव में भाजपा से हरी मांझी तो वही 2019 के चुनाव में जदयू से विजय कुमार मांझी को जीत हासिल हुई थी। इस बार के लोकसभा चुनाव की बात करें तो राजग से जीतन राम मांझी और महागठबंधन से राजद के कुमार सर्वजीत का सीधा मुकाबला होगा।

आजादी के बाद गया लोकसभा सीट की हम बात करे तो 1957 व 1962 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से ब्रजेश्वर प्रसाद ने जीत हासिल की थी,1967 में भी इंडियन नेशनल कांग्रेस से रामधनी दास ने जीत दर्ज की थी,1971 में ईश्वर चौधरी भारतीय जन संघ से चुनाव जीते थे और 1977 में भी ईश्वर चौधरी ने जनता पार्टी से चुनाव में जीत दर्ज किए थे। उसके बाद 1980 व 1984 में फिर से इंडियन नेशनल कांग्रेस से राम स्वरूप राम ने जीत हासिल की थी। तो वही 1989 में ईश्वर चौधरी ने जनता दल से चुनाव जीते,उसके बाद 1991 में राजेश कुमार तो 1996 में भगवती देवी ने जनता दल से अपनी जीत दर्ज की थी। वही 1998 में भारतीय जनता पार्टी से पहली बार कृष्णा कुमार चौधरी ने जीत हासिल की उसके बाद 1999 में भारतीय जनता पार्टी से रामजी मांझी ने चुनाव जीता, तो 2004 में राजद से राजेश कुमार मांझी ने चुनाव जीता। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी से हरि मांझी दो बार 2009 व 2014 में चुनाव जीते तो 2019 में जदयू से विजय कुमार मांझी चुनाव जीते हैं। 2019 की चुनाव में विजय मांझी को 467007 वोट मिले थे तो वही महागठबंधन की ओर से हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी को 314581 वोट मिले थे।

हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द

/सुनील

   

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